धीरेंद्र शास्त्री जी जितनी तेजी से आगे आए, उतने ही तेजी से उनके लिए मुसीबतें बढ़ती जा रही है। इन समस्याओं से कैसे बचेंगे शास्त्री जी, या इनका भी हाल कुछ वैसा ही होगा जैसा अब तक कई साधु संतों का हुवा है?
धीरेंद्र शास्त्री जी के सानिध्य में हजारों लोगों की घर वापसी हो रही है और ये धर्मद्रोहियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय हो सकता है।
छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम में रविवार को धार्मिक आयोजन के आखिरी दिन ईसाई धर्म अपना चुके लोगों की घर वापसी कराई गई। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने करीब 220 लोगों को पीली पट्टिका पहनाकर सनातन धर्म में वापसी कराई। धीरेंद्र शास्त्री ने इस दौरान ये दावा भी किया कि खुद लोगों ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म में वापसी की है। हिंदू जागरण मंच के लोग इन लोगों को बागेश्वर धाम लेकर पहुंचे थे।
ईसाई से हिंदू धर्म में वापसी करने वालों ने बताया कि वह मिशनरी के लालच और प्रलोभन में ईसाई बन गए थे, लेकिन मिशनरियों ने घर देने का जो वादा किया था, उसे उन्होंने पूरा नहीं किया। अब वह सनातन धर्म में वापस अपनी मर्जी से आए हैं।
ऐसे ही कारनामों के कारण बाबाजी कुछ लोगों के लिए समय बने हुए हैं और अब उनके विरुद्ध खबरे भी आ रही हैं, जिनके पीछे सच क्या है वो तो हम नहीं बता सकते, लेकिन ऐसी खबरों से जो ढुलमुल भक्त हैं उनके विश्वास में कमी जरूर आ सकती है और जो भक्त कट्टर हैं बाबाजी को तरह इनपर कोई असर नहीं होगा। (आप कौनसे भक्त हैं "बिन पेंदी के लोटे" या "गुरु की तरह कट्टर")
जबकि सच ये है कीबच्ची की मामी गुड्डी का कहना है कि 17 फरवरी यानी शुक्रवार से बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो उसे बाबा जी के पास लाए थे। बाबा ने उसे भभूति दी और कहा गया कि बच्ची शांत हो गई, इसे यहां से ले जाओ। तो भाई बाबाजीने उसे मार दिया क्या? क्या बागेश्वरधाम के कारण उस बच्ची की मृत्यु हुई? नहीं, लेकिन मीडिया के पास अब टास्क है तो खबर को अपने एंगल से प्रस्तुत करेगी फिर हो कमजोर आस्था वाले हैं वो भटककर बर्बाद होंगे।
दूसरी नकारात्मक खबर
👉बागेश्वर धाम में अर्जी लगाने गई महिला की मौत
जबकि सच ये हैं की महिला बीमार थी और बिमारी से मौत हो गई लेकिन खबर ऐसी चलाई जाएगी जैसे अपराधी बागेश्वर धाम हो
👉मध्य प्रदेश के छतरपुर में स्थित बागेश्वर धाम पीठ में एक महिला की मौत हो गई. महिला पति के साथ बागेश्वर धाम में चल रहे महायज्ञ और दिव्य दरबार में शामिल होने आई थी. 16 फरवरी को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बची. इस खबर के बाद धाम पर सनसनी फैल गई. महिला के पति का कहना है कि पत्नी को किडनी की बीमारी थी. उनकी तबीयत अक्सर खराब रहती थी. शव का पोस्टमॉर्टम कराकर पति को सौंप दिया गया है. पुलिस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
तीसरी खबर धीरेंद्र जी के भाई से जुड़ी है जिसकी अभी कोई पूरी तरह पुष्टि हुई नहीं लेकिन मीडिया खुलकर बोल रहा है की
बागेश्वर धाम के प्रमुख के भाई दलित महिला की शादी में घुसे, मेहमानों पर तानी पिस्तौल
अंत में बस यही कहना है की संभवत षड्यंत्रों का दौर शुरू है और सबको अपनी बुद्धि और विवेक के साथ चलना होगा अन्यथा हो सकता है की हम एक और हीरा को बैठे और हिंदू राष्ट्र का सपना पुनः अंधेरे गलियारों में गुम हो जाए