वक्फ बोर्ड की 123 संपत्ति पर केंद्र सरकार स्थापित करेगी अपना अधिकार
यह अपने आप में एक बिग ब्रेकिंग है क्योंकि आज तक हमने केवल यही सुना है कि देश की अलग-अलग जगहों पर प्रॉपर्टी ऊपर वक्त बोर्ड कब्जा कर रहा है लेकिन यह पहली बार शायद सुना जा रहा है कि वक्त की 123 संपत्तियों को सरकार अपने कब से में लेगी
तो आइए जानते हैं क्या है प्रकरण
कई दलों पर मुस्लिम तुष्टीकरण के आरोप लगते रहते हैं। बीजेपी ने 2014 में लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले दिल्ली की 123 प्रमुख संपत्तियां वक्फ बोर्ड को देने को भी तुष्टीकरण ही बताया। अब केंद्र की बीजेपी सरकार ने इन संपत्तियों को वापस लेने का फैसला किया है।
केंद्र सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) से जुड़ी 123 संपत्तियों को अपने अधिकार में लेने का ऐलान किया है। दिल्ली वक्फ बोर्ड की इन संपत्तियों में मस्जिद, कब्रिस्तान और दरगाह शामिल हैं। केंद्र के इस फैसले पर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने कहा है कि वह सरकार को इन संपत्तियों पर कब्जा नहीं करने देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वक्फ बोर्ड की यह संपत्तियाँ केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के कब्जे में रहेंगी। इस मामले में, उप भूमि और विकास अधिकारी ने 8 फरवरी, 2023 को वक्फ बोर्ड को एक पत्र भेजा था। इस पत्र में वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को सभी मामलों से ‘मुक्त’ करने के बारे में कहा गया है।
अमानतुल्लाह खान ने किया विरोध…
दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को जब्त करने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक और बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने कहा है कि वह संपत्तियों पर कब्जा नहीं होने देंगे। अमानतुल्लाह ने ट्वीट कर कहा है, “अदालत में हमने 123 वक्फ संपत्ति पर पहले ही आवाज उठाई है। उच्च न्यायालय में हमारी रिट याचिका संख्या 1961/2022 लंबित है। कुछ लोगों द्वारा इस बारे में झूठ फैलाया जा रहा है। इसका सबूत आप सबके सामने है। हम वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर किसी भी तरह का कब्जा नहीं होने देंगे।”
अमानतुल्लाह खान ने शुक्रवार (18 फरवरी 2023) को केंद्रीय मंत्रालय के उप भूमि और विकास अधिकारी को दिए जवाब में कहा है कि दो सदस्यीय समिति के गठन के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड ने जनवरी 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुस्लिम इन 123 संपत्तियों का उपयोग कर रहे हैं। वक्फ बोर्ड की तरफ से नियुक्त प्रबंध समिति या मुतवल्ली इन सभी संपत्तियों की देखरेख करते हैं।
केंद्र सरकार ने दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) से जुड़ी 123 संपत्तियों को अपने अधिकार में लेने का ऐलान किया है। दिल्ली वक्फ बोर्ड की इन संपत्तियों में मस्जिद, कब्रिस्तान और दरगाह शामिल हैं। केंद्र के इस फैसले पर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने कहा है कि वह सरकार को इन संपत्तियों पर कब्जा नहीं करने देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वक्फ बोर्ड की यह संपत्तियाँ केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के कब्जे में रहेंगी। इस मामले में, उप भूमि और विकास अधिकारी ने 8 फरवरी, 2023 को वक्फ बोर्ड को एक पत्र भेजा था। इस पत्र में वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को सभी मामलों से ‘मुक्त’ करने के बारे में कहा गया है।
अमानतुल्लाह खान ने किया विरोध…
दिल्ली वक्फ बोर्ड की 123 संपत्तियों को जब्त करने को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) विधायक और बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने कहा है कि वह संपत्तियों पर कब्जा नहीं होने देंगे। अमानतुल्लाह ने ट्वीट कर कहा है, “अदालत में हमने 123 वक्फ संपत्ति पर पहले ही आवाज उठाई है। उच्च न्यायालय में हमारी रिट याचिका संख्या 1961/2022 लंबित है। कुछ लोगों द्वारा इस बारे में झूठ फैलाया जा रहा है। इसका सबूत आप सबके सामने है। हम वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर किसी भी तरह का कब्जा नहीं होने देंगे।”
अमानतुल्लाह खान ने शुक्रवार (18 फरवरी 2023) को केंद्रीय मंत्रालय के उप भूमि और विकास अधिकारी को दिए जवाब में कहा है कि दो सदस्यीय समिति के गठन के खिलाफ दिल्ली वक्फ बोर्ड ने जनवरी 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुस्लिम इन 123 संपत्तियों का उपयोग कर रहे हैं। वक्फ बोर्ड की तरफ से नियुक्त प्रबंध समिति या मुतवल्ली इन सभी संपत्तियों की देखरेख करते हैं।
बता दें कि ये सभी संपत्तियाँ कॉन्ग्रेस सरकार के दौरान दिल्ली वक्फ बोर्ड को दे दी गईं थीं। इन संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को देने को लेकर ‘विश्व हिंदू परिषद’ ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
केंद्र सरकार ने दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। ये संपत्तियां कनॉट प्लेस, अशोक रोड, मथुरा रोड समेत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अन्य प्राइम लोकेशनों पर हैं। इनमें मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान शामिल हैं।
कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की दूसरी सरकार ने 2014 में ये संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड के नाम करने का फैसला किया था। 2014 में लोकसभा के चुनाव हुए थे। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) वीएस संपत ने 4 मार्च, 2014 को आम चुनावों की घोषणा की थी। इससे ठीक एक दिन पहले 4 मार्च, 2014 को केंद्र की मनमोहन सिंह की कैबिनेट ने दिल्ली की एक दो नहीं बल्कि पूरे 123 संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बीजेपी आज भी इसे वोट के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण का प्रत्यक्ष प्रमाण के तौर पर पेश करती है
मनमोहन सरकार की इस चुनावी चाल ने बेशक मुसलमानों का दिल जीता। वोटों के लिहाज से कांग्रेस और यूपीए गठबंधन को कितना फायदा हुआ, यह अलग प्रश्न है। लेकिन यूपीए सरकार के इस फैसले का उर्दू अखबारों में जमकर स्वागत किया गया था। कुछ बुद्धिजीवी मुसलमान इतने पर भी खुश नहीं हुए।
जफरूल इस्लाम खान ने दावा किया था कि भारत में वक्फ की 8 लाख संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं। जफरूल इस्लाम ने बताया, 'दिल्ली वक्फ की कुछ प्रसिद्ध संपत्तियों में सीजीओ कॉम्प्लेक्स, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली हाई कोर्ट, ओबरॉय होटल, दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड, एंग्लो-अरबिक स्कूल, बहादुर शाह जफर मार्ग पर अखबारों के दफ्तर, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI Airport) और केंद्र सरकार के अनगिनत ऑफिस। 2002 में एलके आडवाणी ने 34 एकड़ में बने जिस मिलेनियम पार्क का उद्घाटन किया था, उसमें 10 एकड़ जमीन कब्रिस्तान की है जो वक्फ बोर्ड के अधीन है।' उनके दावे के मुताबिक, कर्नाटक के बेंगलुरु में मशहूर विंडसर मैनोर होटल (Windsor Manor Hotel of Bangalore) भी वक्फ की संपत्ति है।
मनमोहन सरकार की इस चुनावी चाल ने बेशक मुसलमानों का दिल जीता। वोटों के लिहाज से कांग्रेस और यूपीए गठबंधन को कितना फायदा हुआ, यह अलग प्रश्न है। लेकिन यूपीए सरकार के इस फैसले का उर्दू अखबारों में जमकर स्वागत किया गया था। कुछ बुद्धिजीवी मुसलमान इतने पर भी खुश नहीं हुए।
जफरूल इस्लाम खान ने दावा किया था कि भारत में वक्फ की 8 लाख संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं। जफरूल इस्लाम ने बताया, 'दिल्ली वक्फ की कुछ प्रसिद्ध संपत्तियों में सीजीओ कॉम्प्लेक्स, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली हाई कोर्ट, ओबरॉय होटल, दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड, एंग्लो-अरबिक स्कूल, बहादुर शाह जफर मार्ग पर अखबारों के दफ्तर, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI Airport) और केंद्र सरकार के अनगिनत ऑफिस। 2002 में एलके आडवाणी ने 34 एकड़ में बने जिस मिलेनियम पार्क का उद्घाटन किया था, उसमें 10 एकड़ जमीन कब्रिस्तान की है जो वक्फ बोर्ड के अधीन है।' उनके दावे के मुताबिक, कर्नाटक के बेंगलुरु में मशहूर विंडसर मैनोर होटल (Windsor Manor Hotel of Bangalore) भी वक्फ की संपत्ति है।
अब देखना ये हैं की क्या केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड से संपत्ति ले पाएगी या कांग्रेस द्वारा शक्तिशाली किया गया वक्फ बोर्ड केंद्र पर भी भारी पड़ता है।