🚨 ISCKON का एक सच ये भी है चाहे कोई माने या न माने !
प्रश्न :- आप कबसे इस मंदिर में हैं ?
उत्तर :- 11 साल से
प्रश्न :- आप हिन्दू कब से बने ?
उत्तर :- हंसते हुए.. हम स्वयं को हिन्दू नहीं कृष्ण के सेवक (भक्त कहते हैं)।
☝️ यही वास्तविकता है हिन्दू धर्म को नहीं मानते, स्वयं को हिन्दू नहीं मानते यानी हिन्दुओं में ही एक और नया समुदाय बनाया जा रहा है... वो भी योगेश्वर श्री कृष्ण की आड़ में 😠
कई जगह ये जानकारी प्राप्त होती है की इस्कॉन में 2 धड़े हैं
1 जो प्रभुपाद जी के मार्ग का अनुशरण कर भक्ति मार्ग पर चल रहे हैं
दूसरा जो षड्यंत्र के तहत कार्यरत है। जिसने प्रभुपाद जी को जहर देकर मारा isckon-truth
सावधान रहना जरूरी है