बांदा रेलवे स्टेशन पर स्थित 200 वर्ष पुत्रने मंदिर को हटाने का नोटिस प्रशासन द्वारा दिया गया ।
उत्तर प्रदेश के बांदा रेलवे स्टेशन परिसर में हनुमान मंदिर स्थापित है. अब इस मंदिर को यहां से हटाने का फैसला रेलवे ने लिया है. रेल अधिकारियों ने मंदिर को खुद से हटाने के लिए मंदिर के गेट पर नोटिस भी चस्पा कर दिया है. अब इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों में उबाल आ गया है और उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. हिंदू संगठनों का कहना है कि रेलवे प्रशासन मंदिर की एक ईट हटा कर दिखा दें. हिंदू संगठनों ने इस मामले को लेकर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
विस्तार से जानिए पूरा मामलादरअसल रेलवे स्टेशन को भारत सरकार की अमृत योजना के तहत विकसित किया जाना है. इसी के चलते रेल प्रशासन ने परिसर से हनुमान मंदिर हटाने का नोटिस चस्पा किया है. मंदिर में शिवलिंग भी विराजमान हैं.
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष चंद्र मोहन बेदी का कहना है कि मंदिर को हटाया गया तो जोरदार आंदोलन किया जाएगा. रेल प्रशासन मंदिर की एक ईंट हटाकर दिखा दे.उनका कहना है कि रेल प्रशासन बांदा का माहौल न खराब करे. मंदिर से लोगो की आस्था और भावनाओं जुड़ी हुई हैं. रेलवे को नोटिस निरस्त कर देना चाहिए. आसपास के लोग यहां रहकर पूजा करते हैं.
आपको जानकारी के लिए बता दें कि मंदिर को 15 दिन के अंदर हटाने का आदेश रेल प्रशासन ने जारी किया है.रेल प्रशासन के सहायक मंडल इंजीनियर की तरफ़ से जारी नोटिस में लिखा गया है "बांदा रेलवे स्टेशन सर्कुलेटिंग एरिया प्लेटफॉर्म न.1 में बने 9 वर्ग मीटर धार्मिक ढांचे को 15 दिन के अंदर हटाने की व्यवस्था करें, अन्यथा रेल प्रशासन द्वारा हटा दिया जाएगा." अब इसका जमकर विरोध हो रहा है.
हम सभी जानते हैं की सरकारी जमीनों पर , रेलवे स्टेशन, कुछ जगह तो ठीक प्लेटफार्म पर बड़े बड़े मजहबी ठिकाने बने हैं, लेकिन प्रशासन उन्हें हटाने की ऐसी हिम्मत नहीं दिखाता। रेलवे प्रशासन को ये नहीं पता की रेलवे की कितनी जमीन लैंड जिहाद का शिकार हो चुकी है।
सरकार और प्रशासन को ऐसा दोहरा रवैया अपनाने से बचना चाहिए, क्योंकि हिंदू समाज अब इस प्रकार के दोहरे रवैए से पूरी तरह दुखी हो चुका है और सहनशीलता का बांध टूट चुका है।