देश की 272 सेवानिवृत उच्चाधिकारियों ने राहुल गाँधी के खिलाफ एक खुला पत्र जारी किया है । विपक्ष के नेता के रूप में पदासीन होते हुए भी राहुल गाँधी जिस तरह संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग पर अनर्गल प्रहार कर रहे हैं , zen g को सड़कों पर उतरने का आह्वान कर रहे हैं , वह न केवल शर्मनाक है अपितु डेमोक्रेटिक सिस्टम पर सीधा प्रहार भी है ।
इन बौद्धिकों में नौकरशाह , रिटायर्ड न्यायाधीश , प्रदेशों के पूर्व मुख्य सचिव और डीजीपी तक शामिल हैं । खुले पत्र में कहा गया है कि स्वाधीन भारत के इतिहास में यह पहली मिसाल है कि संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति संविधान की किताब जेब में लेकर संविधान की धज्जियां उड़ा रहा है । जबकि उसका अपना अतीत भी जाँच के दायरों में कैद है ।
चलिए राहुल को छोड़िए चूंकि तमाम यात्राओं , एटम और हाइड्रोजन बम छोड़ने के बावजूद महागठबंधन टांय टांय फ़िस्स साबित हुआ है । तेजस्वी तो फिर 25 सीट ले गए , राहुल गांधी मात्र 6 सीट ले पाए जो ओवैसी को मिली सीटों से केवल एक ज्यादा है । मतलब सारे विधायक कहीं जाएं तो एक ऑटो या ई रिक्शा में समा सकते हैं , इसे लेकर कार्टून बनाए जा रहे हैं ।
खैर ! नकारात्मक विपक्ष की छोड़िए , नीतीश के नेतृत्व में एनडीए सरकार आज शपथ ले रही है । मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री पदों तो वहीं पुराने चेहरे हैं , कैबिनेट में कईं नए चेहरे दिखाई देंगे । नीतीश के शपथ समारोह में पीएम मोदी तथा अमित शाह सहित अनेक केंद्रीय मंत्री , एनडीए के दो दर्जन मुख्यमंत्री और अनेक गणमान्य हस्तियां भाग ले रही हैं । विजयोत्सव का यह मैगा इवेंट यद्यपि चलेगा कुछ ही देर , लेकिन खासा प्रभाव छोड़ेगा ।
बिहार की रेलगाड़ी तो आज से फिर चल पड़ेगी लेकिन लालू परिवार पर आया संकट अभी समाप्त होने वाला नहीं । घर में मचे कोहराम ने निश्चित रूप से लालू खानदान की छवि पर प्रभाव डाला है । तेजस्वी शपथ समारोह में निमंत्रित तो जरूर किए गए होंगे । वे जायेंगे , इस पर संदेह है । दरअसल तेजस्वी खुद ही शपथ ग्रहण की तैयारियां कर रहे थे । विपरीत परिणाम आने पर उनका दुःखी होना स्वाभाविक है ।
समय बड़ा बलवान है , सबका न्याय करता है । रही बात कांग्रेस की तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि 272 बौद्धिकों और उच्च पदस्थ रही हस्तियों के पत्र का उन पर या कांग्रेस पर कोई असर पड़ने वाला है । कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने राष्ट्रपति को भेजे गए इस खुले पत्र को बीजेपी प्रभावित बताना शुरू कर दिया है । चलिए छोड़िए , बिहार का घटनाक्रम पूरा हुआ , अब बंगाल की सुध लेते हैं ।
,,,,,कौशल सिखौला

