हिंदुओं के भावनाओं के साथ खेलने वाले लोगों के ऊपर जब जूते पड़ते हैं तो बौखलाहट ज्यादा होती है जबकि एक न्यायाधीश को कैसे मारा गया इस पर आज तक पर्दा डाल दिया गया। #जम्मू_कश्मीर में #न्यायमूर्ति_नीलकंठ_गंजू की 4 नवंबर 1989 को दिन दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गई और चार घंटे तक श्रीनगर की गलियों में उनकी लाश को जीप से बांधकर घसीटा था
उन्होंने सिर्फ एक आतंकवादी मकबूल भट्ट को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी जिस सजा को उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय ने भी सही माना था किन्तु जिस दिन से जम्मू कश्मीर में हिंदुओं का पलायन शुरू हुआ वहां की न्याय व्यवस्था भी धीरे-धीरे खत्म होने लगी। यह बात देश के सभी न्यायाधीशों को ध्यान रखनी चाहिए जो धर्मनिरपेक्ष, उदार और सहिष्णुता का नाटक करने वाले न्यायाधीश मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद और इन जैसों के डर से अपना ट्रांसफर कहीं और करा लिया करते थे। उनके मुंह से यह बातें ठीक नहीं लगती की देश कानून से चलता है बुलडोजर से नहीं इस देश में जब तक हिंदू बहुसंख्यक हैं न्यायाधीश भी सुरक्षित हैं नहीं तो जिस दिन हिन्दू अल्संख्यक हुए उस दिन न्यायाधीश जगन्नाथ गंजू की मृत्यु कैसे हुई थी लाइव टेलीकास्ट होगा
🚩