एक दवा बेचने वाले विक्रेता ने अनिरुद्धाचार्य जी के समक्ष अंग्रेजी दवाइयों के काले धंधे को लेकर जो बातें कही वो चौंका देने वाली हैं. सोचिए जो दवाइयां लोग अपनी जान बचाने के लिए खरीदते है वो नकली हो तो..? तो आपकी जान जा सकती है यानी पैसों के लिए लोगों को जान से आसानी से खिलवाड़ हो रहा है
सरकार को ऐसे जान के दुश्मनों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करनी चाहिए लेकिन अधिकारियों की मिली भगत से ऐसे दुराचारी खुलेआम अपना काला धंधा चलाते है और लोग अपनी जान गंवाते है। डुप्लीकेसी इतनी जोरदार को दशकों से दवाइयां बेचने वाले भी असली नकली में फरक ना कर पाएं