बंगाल फ़ाइल्स फिल्म का एक डायलॉग आज हर किसी की जुबान पर है... "अहिंसा के दानव की प्रतिमाएं एक दिन ज़रूर टूटेंगी... आज जनता के मन में टूट रही है और कल... "
गोपाल पाठा: गांधी, अगर वो हमारी बहन-बेटियों का रेप करें तो क्या करना चाहिए ?
गांधी : हिंदू महिलाओं को जीभ काटकर, सांस रोककर आत्महत्या कर लेनी चाहिए
गोपाल पाठा: माफ करना, मैं तुम्हारी सीख और अपने धर्म में से अपने धर्म को चुनूंगा हथियार सरेंडर नहीं करूंगा
गोपाल पाठा... गोपाल चंद्र मुखोपाध्याय... बंग भूमि का रक्षक
ओवैसी प्रधानमंत्री बनेगा तो देश में क्या होगा, ये कल्पना करने की जरूरत नहीं है अगर आपको अविभाजित बंगाल के प्रधानमंत्री (अंग्रेजों के द्वारा नियुक्त) सैयद हुसैन सुहरावर्दी का कुत्सित इतिहास पता है । 👇 पढ़िए और शेयर कीजिए
16 अगस्त 1946 को कलकत्ता में ‘डायरेक्ट एक्शन ‘ के रूप में जाना जाता है। इस दिन सुहरावर्दी के इशारे पर मुस्लिम लीग के गुंडों ने कलकत्ता की गलियों में भयानक नरसंहार आरम्भ कर दिया था। कोलकाता की गलियां शमशान सी दिखने लगी थी। चारों और केवल लाशें और उन पर मंडराते गिद्ध ही दीखते थे।
जब सूबे का कर्ताधर्ता ही इस दंगें के पीछे हो तो फिर राज्य की पुलिस से सहायता की उम्मीद करना भी बेईमानी थी। ये सब कुछ जिन्ना के इशारे पर हो रहा था। वो गाँधी और नेहरू पर विभाजन का दवाब बनाना चाहता था ।
हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार को देखकर ‘ गोपाल पाठा’ (गोपाल चंद्र मुखोपाध्याय) (1913 – 2005) नामक एक बंगाली युवक का खून खोल उठा। उसने अपने साथी एकत्र किये। हथियार और बम इकट्ठे किये। और दंगाइयों को सबक सिखाने निकल पड़े। वह शठे शाठयम समाचरेत अर्थात जैसे को तैसा की नीति के पक्षधर थे। उन्होंने भारतीय जातीय बाहिनी के नाम से संगठन बनाया। गोपाल के कारण मुस्लिम दंगाइयों में दहशत फैल गई। और जब हिन्दुओ का पलड़ा भारी होने लगा तो सुहरावर्दी ने सेना बुला ली। तब जाकर दंगे रुके। गोपाल ने कोलकाता को बर्बाद होने से बचा लिया।
इतिहासकार संदीप बंदोपाध्याय के अनुसार गोपाल कभी भी कट्टरपंथी नहीं थे। उनके विचार मुसलमानों के मजहब के नाम पर अत्याचार करने से बदले।
गाँधी जी ने कोलकाता आकर अनशन प्रारम्भ कर दिया। उन्होंने खुद गोपाल को दो बार बुलाया। लेकिन गोपाल ने स्पष्ट मना कर दिया।
तीसरी बार जब एक कांग्रेस के स्थानीय नेता ने प्रार्थना की “कम से कम कुछ हथियार तो गाँधी जी सामने डाल दो” तब गोपाल ने कहा “जब हिन्दुओ की हत्या हो रही थी तब तुम्हारे गाँधी जी कहाँ थे। मैंने इन हथियारों से अपने इलाके की हिन्दू महिलाओ की रक्षा की है, मै हथियार नहीं डालूँगा।"
#TheBengalFiles में गोपाल पाठा वाला सीन फिल्म की जान है
अगर आपने अभी तक बंगाल फाइल्स नहीं देखी है तो अपने भविष्य, अपनी बेटियों के भविष्य के लिए अवश्य देखिए और ये लेख भी सबको अवश्य भेज दीजिए ।
हर हर महाकाल

