अब तो डॉक्टर भी कबूल करनें लगें हैं कि दवाइयां आपके शरीर के लिए सही नहीं है, बल्कि अपना खान-पान सही करें।सुनिए डॉक्टर साहब की जुबानी हार्ट अटैक की कहानी। पूरा मेडिकल सिस्टम ही फ्रॉड है। कृपया समय रहते अपनें शरीर का ख्याल रखें।
लोगों को इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि डॉक्टर के पास जाकर दवाई लेने से कहीं अच्छा है कि हम जितना जल्दी हो सके अपनी दिनचर्या, खान पान को सुधारें और प्रतिदिन नियमित रूप से योग प्राणायाम करें ताकि हमारा शरीर स्वस्थ रहे और किसी मेडिकल इकोसिस्टम के शिकार हम ना बनें