ये खबर केवल कुछ पतियों की हत्या की खबर नहीं अपितु सनातन संस्कृति के परिवार व्यवस्था की हत्या है... पति पत्नी के पवित्र रिश्ते की हत्या है। विचार कीजिए जिस समाज में पत्नी अपने पति को अपना भगवान मानती थी आखिर वो समझा इस मोड पर कैसे आ गया कि पत्नी अपने पति की हत्यारण बनती जा रही है। इसका कारण हमारे समाज को खंगालने की आवश्यकता है..
ये आंकड़ा केवल 5 राज्यों का टी वर्षों का है वो भी जो रिकॉर्ड में आ सका .. बाकी तो आप समझ सकते हैं वास्तविक आंकड़ा इससे कई गुना होगा। इसका जिम्मेदार हमारा कानून तो है ही जो हमारी सामाजिक व्यवस्था को बिगाड़ने के लिये लीव इन रिलेशन, एस्ट्रा मैरिटल अफेयर को लीगल करता है और पति को पत्नी द्वारा गलत करने पर यदि तलाक चाहिए तो भी बदचलन पत्नी के गुजारे भत्ते की बाध्यता डालता है...। कानून के अलावा बड़ा कारण है हमारे समाज में होते संस्कारोंका अभाव.. पश्चात संस्कृति का प्रभाव और माता पिता का गैर जिम्मेदाराना स्वभाव... सुधर जाओ हिंदुओं...