यूसुफ पठान जिसे देश ने खूब प्यार दिया , सर आंखों पर बिठाया बिना उनकी जाती, उनका मजहब देखे लेकिन आज जो उन्होंने किए क्या वो राष्ट्रभक्ति है..? आखिर क्यों जब विश्व के सामने देश की आवाज उठाने का अवसार उन्हें इसलिए दिया गया कि पूरा विश्व उन्हें भारत के क्रिकेटर के रूप में जानता है तब उन्होंने अपनी व्यस्तता का बहाना बना लिया...? शायद पाकिस्तान के विरुद्ध बोलना है ये उन्हें राज नहीं आया..! है न "पठान"
आप लोगों ने वो फोटो देखी थी इनकी "चाय की चुस्की वाली" वो फोटो तब दलाई थी महाशय ने जब बंगाल में हिंदुओं को टारगेट किया जा रहा था "रिपोर्ट हिंदुओं को टारगेट करने वाली बात साफ कर चुकी है"। अब आप इस व्यक्ति की मानसिकता अपनी बुद्धिमता समझ सकते हैं।