हर आढ़त पर जेहा&दियों का नेक्सस है। ये दो तरफ से वसूलते हैं। जब खरीदना होता है तो रिंग बनाकर हिन्दू किसानों का माल सस्ते में ख़रीदलेते हैं एक खास मूल्य से ऊपर बोली जाती ही नहीं है और बहुत कम मूल्य से बोली शुरू करते हैं। जब ये आढ़ती फल विक्रेताओं को बेचते हैं तो हिन्दू ठेली वालों को महँगे में बेचते हैं और अपने वालों को सस्ते में।
सरकारी मंडी समितियों में यह लोग इसी तरह गिरोह बनाकर मासूम किसानों,खास तौर से हिन्दू किसानों,काश्तकारों को ठगते हैं...घटतौली...पैसे बाद में देना... गुंडागिर्दी... देखनी है तो किसी भी जिले की सरकारी मंडी में आइये। हिंदू भले ही संख्या में ज्यादा है लेकिन हर क्षेत्र में हिंदुओं की स्थिति बेकार है क्योंकि हिंदू जागरूक नहीं है, संगठित नहीं है...
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