सभी को पढ़ना चाहिए
क्योंकि आपका गौरवशाली इतिहास इनके निशाने पर है।
आज तो सोशल मीडिया है...
इन तथाकथित बुद्धिजीवियों के षड्यंत्रों का तुरंत भंडाफोड़ हो जा रहा है...कल्पना कीजिए...
जब इतिहास लिखने की जिम्मेदारी इनके हाथ में थी तो कितना तोड़ मरोड़ किए होंगे।
आजकल फिर एक षड्यंत्र चल रहा है।
प्राचीन काल में अश्वमेघ यज्ञ किया जाता था.....जिसमें राजा अपना घोड़ा स्वतंत्र रूप से छोड़ देते थे..उसके साथ सेना भी होती थी......जिस राज्य से वह निर्विघ्न गुजरता यह समझा जाता था कि वह राज्य उनकी अधीनता स्वीकार कर चुका है......यदि कोई राज्य उस घोड़े को रोक लेता तब युद्ध के द्वारा तय होता कि असली विजेता कौन है.....युद्ध में कोई एक पक्ष हारता था.......हजारों लाखों सैनिक मारे जाते थे.....पराजित राज्य को संधि करनी पड़ती थी......विजेता राज्य की शर्तें मानना होती थी.....?????
समुद्रगुप्त को भी भारत का महान शासक माना जाता है। उनका शासन आज के भारत से भी विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ था.....'हरिषेण' के 'प्रयाग प्रशस्ति अभिलेख' में उनकी विजयों का वर्णन मिलता है। यूरोपीय इतिहासकारों ने उन्हें भारत के नेपोलियन की उपाधि दी है.......क्या समुद्रगुप्त ने युद्ध बिना जन संहार के जीते होंगे..??
अशोक को भी महान शासक बताया गया है......उनका शासन भी आज के भारत से विस्तृत क्षेत्र में फैला हुआ था।इतिहास में बताया गया है कि वे अपने 99 भाइयों की हत्या कर शासक बने थे.....कलिंग के भीषण नरसंहार की कथा तो भारत का हर व्यक्ति जानता है....?????
प्राचीन काल से आधुनिक काल तक हर वीर और साहसी राजा ने अपने राज्य को विस्तृत करने का अभियान चलाया है....
मराठाओं ने भी अपने राज्य को विस्तृत करने के लिए प्राचीन परम्परा का अनुसरण किया तो इसमें क्या गलत कर दिया.....
वामपंथियों द्वारा नैरेटिव ऐसा बनाया जा रहा है जैसे मराठे लुटेरे थे... उनके लगान वसूलने को लूट बताया जा रहा है।
सरकारें आज टैक्स नहीं लेती हैं क्या..?फिर मराठों द्वारा वसूला गया लगान निशाने पर क्यों है?? अमेरिका और जापान जैसे समृद्ध राष्ट्र टैक्स वसूलते है।
मराठों को तो विरासत में युद्ध ही मिला था, बिना धन और बिना खजाने के वो मुंगलो से इतने वर्षों तक कैसे लड़ते रहते??
उनके विजय अभियान के चलते मुगल राज्य की चाकरी करने वाले राज्यों पर हमले हुए। मुगलों को दिया जाने वाला कर वे खुद लेने लगे तो कौनसा आसमान टूट गया......उनके सतत आक्रमणों के चलते मुगल राज्य लाल किले के अंदर तक सिमट गया तो पता नहीं कुछ लोगों को क्यों पीड़ा हो रही है......?????
मुगलों की चाकरी करने वाले अधिकांश राज्यों में अय्याश, नशाखोर और भीरू प्रकृति के शासक होते थे वे पराजित हो जाते थे.....ये सामान्य प्रकृति का न्याय है.....पर इन युद्धों के बाद न तो महिलाओं को जौहर करना पड़ता था, न हिन्दुओं के आराधना स्थलों को ढहाया जाता था.....न नर मुंडो की मीनार सजाई जाती थी, न महिलाओं को काबुल के बाजार में 2 - 2 दीनार में बेचा जाता था......
न सुंदर युवकों को गिलमा बनाया जाता था......
न सामूहिक धर्मांतरण कराया जाता था......
न तीर्थ यात्रा कर लगाया जाता था न जजिया कर.....
कुछ टैक्स (लगान) ही तो ले गए अपने साथ, जबरन किसी राज्य की महिलाओं को अपने हरम में तो नहीं ले गए.....???पर सेकुलर गैंग की पतन की पराकाष्ठा देखिए.....मुगलों को महान बताने के लिए वीर मराठाओं को चोर लुटेरा और गद्दार बताया जा रहा है.....
फिर इस सिद्धांत के अनुसार तो प्राचीन काल में अश्वमेघ यज्ञ करने वाले सभी चक्रवर्ती सम्राट , समुद्रगुप्त और सम्राट अशोक भी चोर, लुटेरे और आततायी हो गए...??
भगवान.....
सेकुलर और वामपंथी गैंग को सद्बुद्धि दे.....????
जय भारत, जय मराठा 🚩
जय भवानी जय शिवाजी 🚩