दानिश ने ज्योति को अपने प्रेम-जाल में फंसाने के लिए अपनी बीवी तक का इस्तेमाल किया था।उसकी बीवी ने ज्योति का ब्रेनवॉश करते हुए उसे समझाया कि इस्लाम में चार शादियाँ जायज़ हैं, और यदि वह उसके पति से विवाह करना चाहती है, तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी।ख़ुद दानिश की पत्नी ने ही ज्योति को इस्लाम कबूल करवाया। इसके बाद पाकिस्तानी हाई कमीशन में एक मौलवी ने दानिश और ज्योति का निकाह पढ़वाया। निकाह के बाद दानिश और ज्योति दोनों हनीमून के लिए इंडोनेशिया भी गए।
लेकिन दानिश कहता था — 'तुम्हारा इस्लामी नाम केवल निकाह के काग़ज़ों तक सीमित रहेगा। दुनिया के सामने तुम अपना पुराना नाम, ज्योति मल्होत्रा, ही बताना ताकि किसी को शक न हो और सबको लगे कि तुम अब भी हिंदू हो।सोचिए हिंदुओं को बदनाम करने के लिए किस लेवल का षड्यंत्र रचा गया है