नेपाल के राजा और योगी आदित्यनाथ की तस्वीर अपने आप में एक बड़ी कहानी बयां करती है। पिछले कुछ वर्षों में कई बार नेपाल के पूर्व राजा योगी आदित्यनाथ से मिलने आए हैं।गोरखनाथ मठ का नेपाल के मंदिरों पर गहरा प्रभाव है, और नेपाल की जनता योगी आदित्यनाथ को एक सम्मानित आध्यात्मिक और सांस्कृतिक हस्ती के रूप में देखती है। नेपाल और भारत का रिश्ता सिर्फ राजनीतिक या भौगोलिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रूप से भी गहरा जुड़ा हुआ है।
आज नेपाल में जिस तरह हिंदू राष्ट्र की पुनर्स्थापना की मांग उठ रही है, उसमें गोरखनाथ मठ और योगी आदित्यनाथ की भूमिका को नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। नेपाल के राजा और योगी के लगातार बढ़ते संबंध इस बात का संकेत हैं कि नेपाल की जनता अपनी हिंदू जड़ों की ओर वापस लौटना चाहती है।नेपाल के पूर्व राजा हाल ही में देशभर की यात्रा करके काठमांडू लौटे हैं, जहां उन्हें 4 लाख से अधिक नेपाली जनता ने भव्य स्वागत किया है।
नेपाल में जिस तरह राजशाही के समर्थन में जनसैलाब उमड़ रहा है, वह माओवादियों और वामपंथियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि जनता अब अपनी परंपरा, धर्म और संस्कृति को फिर से स्थापित करना चाहती है।