इस छोटेसे व्यक्तव्य में सुधांशु जी ने बहुत बड़ी बात साफ कर दी, समझने वाले इस वीडियो से बहुत कुछ समझ सकते हैं और ना समझने वाले तो शायद कटाकट के बाद भी ना समझें। कोई अपनी कौम के लिए सब छोड़ने तैयार हैं तो कोई कुछ हजार रूपयों में बिककर अपने बच्चों के कटाकट से नहीं चूकते...
यह लोकतंत्र है मेरे दोस्त अगर खटाखट के चक्कर में बट गए तो कटाकट के जिम्मेदार भी आप खुद होंगे... जो एकजुट रहेगा वही इस लोकतंत्र में अपना वर्चस्व बना पाएगाऔर यदि एक गलत सोच इस लोकतंत्र पर भारी हो जाती है तो यह लोकतंत्र पूरी तरह नष्ट हो जाएगा तथा उसके बाद जो होगा वह बताने की आवश्यकता तो है ही नहीं...। इस्लामी मुल्कों में हिंदू बेटियां घर से उठा ली जाती हैं, मंडियों में बोलियां लगती हैं... हिंदुओं का नरसंहार होता है, हिंदू माताओं बहनों का सामूहिक बलात्कार और नृशंस हत्या होती है..। कौन होगा इन सबका जिम्मेदार..." खटाखट के चक्कर में बिकने वाले निर्लज्ज".....