खोज कर लाए हैं ये तस्वीर जो 1954 मौनी अमावस्या कुंभप्रयागराज की है। देश का अय्याश धर्म विरोधी और अंग्रेजों के तलवे चाटने वाला कोंग्रेसी नेहरू केवल अखबारों की सुर्खियाँ बनने के लिए कुंभ में पहुंचा. पूरे सनातनी जनसैलाब को रोक दिया गया. लाखों साधुओं नागाओं को भी बैरीकेड लगाकर इकट्ठे होने दिया. और संगम में स्नान तक नहीं किया था कपटी ने नेहरू ने. ये तस्वीरें गवाह हैं कि केवल पानी छूकर इतिश्री कर ली गई थी.
बादमें जब एक जनसैलाब अवरोधों को तोड़कर त्रिवेणी की ओर बढ़ा, भगदड़ मची और दो हजार से अधिक श्रद्धालु कुचलकर मारे गए, लेकिन अखबारों में यह खबर न छप सकी. लाशों को सरकारी आदेशानुसार सामूहिक जला दिया गया. जब सच बाहर आया तो नेहरू ने कहा था कि कुछ भिखारी ही तो मरे हैं. 1954 के कुंभ में गायब हुये श्रद्धालुओं को उनके परिजन कभी ढूंढ न सके!