इस क्लिप को गौर से देखिये..क्लिप संभल की जामा मस्जिद से लगी गलियों का है जिसमें टोपीबाज शांतिदूत पुलिस पर पत्थरबाजी कर रहे है. जब पुलिस द्वारा कोई दंगाई आत्मरक्षा में ठोक दिया जाएगा या आपस में ही लड़ मरेगा तो इनके घर वाले बताएंगे कि जी मेरा बच्चा तो फल लेने गया था, ATM से पैसे लेने गया था, कबाड़ का काम करने गया था या तेल लेने गया था
कपड़ो से पहचानिए कि ये सफेद टोपी पहने दंगाई कौन है ?जैसे ही दंगा फैला ये लोग अपने घरों की तरफ भागने की बजाय पुलिस पर पत्थर क्यों फेंक रहे है ? फिर इन जाहिलों के समर्थन में आकर कुछ लोग लिखते है कि शांतिदूत मासुम है, सब सरकार, पुलिस, प्रशासन और अधिकारियों की मिली भगत है मसलमैन के खिलाफ
ये पत्थर चलाते लोग पुलिस पर जानलेवा हमला कर रहे है तो पुलिस के पास क्या इलाज है इनका ?🔥