भारत में स्थिति लगातार बद से बदतर होती जा रही है, लगातार एक दुष्ट मानसिकता देश में अशांति फैला रही है और अपनी गंदी विनाशकारी मानसिकता को देश पर थोंपना चाह रही है। इस मानसिकता पर लगाम लगाने में सरकार , प्रशासन सब पूरी तरह विफल नजर आ रहे हैं। Rss का पथ संचलन हो या हिंदू त्योंहारों पर शोभायात्राएं, गणेश विसर्जन हो या देवी विसर्जन , माता के पंडाल सही जेहादियों के आतंक के साए में हैं ... इनके पुख्ता इलाज पर अब गंभीरता से विचार अनिवार्य है।
हिंदुओं को यदि अपने त्योहारों को मनाना है, अपने धर्म को सुरक्षित रखना है तो आत्मरक्षा की आवश्यकता को समझते हुए आवश्यक कदम उठाने होंगे। लगातार अधर्मी ताकतों की शक्ति बढ़ती जा रही है तो अब धर्म को भी अपनी शक्ति में तेजी से वृद्धि करनी होगी और हर वो प्रयास करना होगा जिससे धर्म की रक्षा हो सके। हिंदू संगठनों को भी थोड़ा मजबूती से काम करना होगा, ये शर्मनाक है की कभी नूंह में VHP की शोभायात्रा में हमला होता है तो कहीं रत्नागिरी में RSS के पथ संचलन को बाधित किया जाता है... और ये सब करने के बाद भी उचित भाषा में इन्हें जवाब ना मिलना नपुंसकता की निशानी होगी