ये कैसे हैवानियत भरी मानसिकता है जो शैतानों को भी पीछे छोड़ जा रही है। ऐसी सोच ऐसी मानसिकता तो समाज में रहने लायक भी नहीं लेकिन कुछ नालायक लोग इनसे भाईचारा निभाते हैं। गौमाता के साथ ऐसी हैवानियत करने वाले मुसलमान व्यक्ति साहिल खान को फांसी होनी चाहिए।
दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटिया मानसिकता के शैतानों को लोग मनुष्य समझते हैं। प्रशासन इस मानसिकता को रोक पाने में असमर्थ है और हिंदू जो इस मानसिकता से सबसे अधिक पीड़ित हैं वो तो इनका बहिष्कार तक नहीं कर पा रहे । जो भी हिंदू इस जेहादी मानसिकता से किसी भी प्रकार का व्यवहार करता है, इससे रिश्ता रखता है इन्हें अपने क्षेत्र में रहने देता है वह हिंदुओं के साथ, हिंदू धर्म के साथ, गौ माता के साथ होने वाले हर अपराध का सहभागी है।