पाञ्चजन्य की रिपोर्ट के अनुशार कर्नाटक के लोग दिवाली पर सिर्फ दो घंटे ही फोड़ पाएंगे पटाखे! प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली में पटाखों पर सरकार ने बैन लगा दिया।वहीं कर्नाटक सरकार ने आदेश दिया कि दिवाली पर लोग सिर्फ दो घंटे रात 8 से 10 बजे तक पटाखे जला पाएंगे।मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को इस साल दिवाली में सिर्फ हरे पटाखों (ग्रीन क्रैकर्स) के उपयोग की अनुमति दी है और कहा कि ऐसे पटाखों की अनुमति किसी भी हाल में नहीं दी जानी चाहिए, जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
सवाल ये उठता है कि क्या वाकई इन नेताओं को पर्यावरण की चिंता है या किसी और जो एजेंडे को आगे बढ़ा रहे है? क्या सड़कों पर चलती गाड़ियों, घरों में चलते फ्रीज, AC आदि से प्रदूषण नहीं फैलता? क्या पंजाब में पराली जलने से प्रदूषण नहीं फैलता? और तो और इन नेताओं के जीतने और जेल से छूटने के बाद जो पटाखे फोड़े जाते हैं उनसे प्रदूषण नहीं फैलता? इन्हें केवल हिंदू त्योंहारों को खत्म करना है इसलिए सारा प्रदूषण इन्हें केवल हिंदू त्योंहारों पर ही नजर आता है... हिंदुओं और हिंदू संगठनों को इस विषय में गंभीरता से विचार करना चाहिए