60 लाख यहूदी यूरोप में इसलिए मार दिए गए, क्योंकि वे यहूदी थे। फिर भी यहूदी हार नहीं माने, उठे और खड़े हो गए।अपने लिए जमीन खरीदी, एक देश इजराइल बनाया।
रेगिस्तान में अनुसंधान किया, हरा भरा कर दिया। अनुसंधान किया, अनगिनत नोबेल प्राइज जीते। अपनी फौज खड़ी की। आज मिडिल ईस्ट में कोई देश मुकाबला नहीं कर सकता। ऐसा कोई हथियार नहीं, जिसे इजराइल न बनाता हो ।
इजराइल ने फिलिस्तीनियों की मदद की। उनका शहर बनाया। बिजली, पानी, गैस, पेट्रोल और अनाज मुहैया कराया। काम दिया। बदले में हमास ने 7 अक्टूबर को ऐसी शर्मनाक, खौफनाक वारदात की कि पूरी मानवता शर्मसार हो गयी।
यहूदियों की ताकत है, उनकी एकता।
ना केवल इजरायल मे, बल्कि पूरे विश्व के यहूदी एक होकर शैतानों से लड़ रहे हैं और परास्त भी कर रहे हैं।
हिन्दुओं को यहूदियों से शिक्षा लेनी चाहिए।
खुद को सेक्युलर समझने वाले हिंदू किसी गलतफहमी में ना रहें, उनका नम्बर पहले लगेगा।
बांग्लादेश की हालत किसी से छिपी नहीं है।
7 अक्टूबर को जो इजरायल में हुआ, वही बांग्लादेश में हो रहा है।
योगी की बात अपने दिमाग में बिठा लें कि बटेंगे तो कटेंगे।