रेलवे के लगातार हो रहे एक्सीडेंट अत्यंत ही गंभीर विषय है, एक्सीडेंट होना फिर उनका जोर शोर से विपक्ष द्वारा प्रचार होना, लोगों को डराना वास्तव में गंभीर मामला है और ये एक सुनियोजित षड्यंत्र के तहत हो रहा है ताकि वर्तमान मोदी सरकार को बदनाम किया जा सके , जनता के मन में रोस उत्पन्न किया जा सके , बाकी बांग्लादेश जैसे हालात की तो चेतावनी विपक्ष और उनके सहयोगी दे ही चुके हैं। MP के बाद UP रेलवे ट्रैक पर खेला...
सरकार को तो इन मामलों में सतर्क होना ही होगा लेकिन जनता को भी सावधान रहना होगा क्योंकि इस प्रकार के षडयंत्रों के माध्यम से जनता को ही आकर्षित करना और देश को अस्थिर करना इन देशद्रोहियों का मुख्य उद्देश्य है। समय अत्यंत ही विकेट है क्योंकि विरोधी (विधर्मी, विपक्षी, जेहादी, मिशनरी) निकिता की सारी हदें पार कर चुके हैं और देश के हालात बांग्लादेश जैसा करने की ठान चुके हैं, राष्ट्र प्रेमियों के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है...
उत्तर प्रदेश में कासगंज-फर्रुखाबाद पैसेंजर ट्रेन (05389) के सतर्क लोको पायलटों ने ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए ट्रैक पर रखी लकड़ी को देख लिया और ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश को विफल कर दिया। इससे पहले, कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में ट्रेन की पटरी पर सरिया रखकर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की साजिश सामने आ चुकी है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने पटरियों पर लकड़ी का लट्ठा रख दिया था, जो ट्रेन के कैटल-गार्ड में फंस गया, बावजूद इसके कि लोको पायलटों ने लकड़ी को देखते ही तुरंत आपातकालीन ब्रेक लगा दिए।
यह घटना शुक्रवार रात करीब 11.38 बजे भटासा और शमसाबाद रेलवे स्टेशनों के बीच हुई। पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर डिवीजन के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह ने बताया, “यह स्पष्ट रूप से ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से की गई तोड़फोड़ का मामला था। हालाँकि, सतर्क लोको पायलटों ने संभावित दुर्घटना को सफलतापूर्वक टाल दिया। लोकोमोटिव के कैटल-गार्ड में लकड़ी का लट्ठा फंस जाने के कारण ट्रेन करीब आधे घंटे देरी से चली।”
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रेन को अचानक झटका लगा, जिससे लोको पायलट को आपातकालीन ब्रेक लगाने पड़े और ट्रेन को रोकना पड़ा। बाद में पता चला कि लकड़ी का लट्ठा ट्रेन के इंजन से चिपक गया था। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों ने लकड़ी के लट्ठे को हटाकर ट्रैक को साफ किया। 25 मिनट बाद ट्रेन का परिचालन फिर से शुरू हुआ। शमशाबाद रेलवे स्टेशन पर पहुँचने पर लोको पायलट ने मामले की सूचना दी।
शनिवार की सुबह रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), कायमगंज से सिविल पुलिस और फर्रुखाबाद से सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की एक टीम ने ट्रैक का गहन निरीक्षण किया। आरपीएफ के एसआई ओमप्रकाश मीना ने डॉग स्क्वॉड के साथ ट्रैक की जाँच की।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, रेल ट्रैक से थोड़ी दूरी पर स्थित एक गिरे हुए आम के पेड़ को स्थानीय लोगों ने कई टुकड़ों में काट दिया था। यह संभव है कि किसी बदमाश ने इस स्थान से लकड़ी का लट्ठा उठाया और जानबूझकर उसे ट्रैक पर रख दिया। ट्रैक के आस-पास का इलाका आम और दूसरे पेड़ों से भरा हुआ है।