ये अत्यंत गंभीर खबर है जिसे समझना जरूरी है। बांग्लादेश को लेकर ममता बनर्जी ने जो स्टेटमेंट दिया वो समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा:-
"अगर बांग्लादेशी हमारे दरवाजे पर दस्तक देंगे तो हम उन्हें शरण देंगे।"
"बांग्लादेशी शरणार्थियों के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे।"
ये वही ममता हैं जो CAA की विरोधी हैं, क्या इसका अर्थ यह हुआ कि वो बांग्लादेश से आने वाले हिंदू,सिख,जैन,बौद्ध इतियादी का विरोध कर रही थी और अब मुसलमानों के लिए रास्ता खोल रही हैं.? क्या ये डिमाग्राफी बदलकर गजवा ए हिंद के एजेंडे को मजबूती देने जैसा नहीं है..? विचारणीय..!
सवाल ये भी खड़े हो रहे हैं की क्या ममता "बंगाल की पीएम" हैं? वो कैसे इस प्रकार का ऐलान कर सकती है? क्या देश की सीमाएं कोई राज्य किसी भी घुसपैठिए के लिए खोल सकता है? यादि नहीं तो ऐसा गैरजिम्मेदाराना बयान क्यों? क्या ये स्टेटमेंट सीधे सीधे घुसपैठियों के लिए आश्वासन है..? Click Hear / क्लिक करें