सुप्रीम कोर्ट ने नाम लिखने पर रोक लगा दी लेकिन क्या हिंदू दुकानदारों में इतनी समझदारी नहीं के को अपनी दुकानों पर अपना नाम लिखें और भगवा ध्वज भी लगाएं तथा स्वास्तिक जैसा पवित्र निशान भी बनाएं ताकि उपभोक्ता को समझ आ सके
साथ ही उपभोक्ता को भी तो देखना चाहिए की वो किस से सामान खरीद रहा है ..? वो धर्मद्रोहि से तो व्यवहार नहीं कर रहा ? और यदि दुकान पर नाम हिंदू लिखा मिले लेकिन मालिक विधर्मी हो तब भी शिकायत धोखाधड़ी कि की जा सकती है।
यानी यदि हिंदू दुकानदार और हिंदू खरीददार समझदारी दिखाएं तो कोई कोर्ट , वामपंथी, कांग्रेसी या विधर्मी उन्हें नही रोक सकता
क्या करें हिंदू दुकानदार और उपभोक्ता👇👇
साफ साफ बात समझ लेनी चाहिए हिंदुओं की उन्हें कोर्ट, कानून पर हर बात के लिए निर्भर नहीं होना चाहिए, ईश्वर ने दिमाग दिया है , समझदारी दी हैं थोड़ा उसका भी प्रयोग करना चाहिए।
हिंदुओं के पास एकमात्र उपाय है कि वे अपनी दुकानों में भगवान विष्णु के वाराह अवतार का बड़ा सा चित्र लगाएं। इससे असली और नकली की पहचान हो सकेगी। कोई भी सच्चा मोमिन कभी वाराह का चित्र नहीं लगा सकता। (कुत्ता पलने की जगह यादि हिंदू पिंक बेबी pig, या गिनी पिग पाले तो जेहादियों से सुरक्षा भी हो सकेगी।
हिंदू उपभोक्ता जहां रहते हैं वहां वह चिन्हित कर सकते हैं आसानी से की कौन अपना है और कौन पराया (विधर्मी) और केवल उनसे ही सामान खरीदें जो अपने हैं। कहीं बाहर जाएं तो थोड़ा सा छानबीन का प्रयास करें और Qr स्कैन करें तो संभवत जानकारी मिल ही जाएगी
इस वीडियो को भी ध्यान से देखें 👉 https://youtu.be/0pKM5JwRE2E?si=Vk0Q6_MhnHzDfpMT
सुप्रीम कोर्ट अगर नेमप्लेट पर रोक लगा दे तो दुकानदार, ढाबा, फल विक्रेता, टी स्टाल वाले क्या करें।
1. हिन्दू दुकानदार नेमप्लेट जरूर लगाएं। क्योंकि कोर्ट सरकारी आदेश रोक सकता है पर व्यक्तिगत जानकरी लगानी या नहीं यह दुकानदार की अभिव्यक्ति की आजादी है।
2. हर दुकानदार केसरी ध्वज लगाएं ताकि यीत्रियों को दूर से मालूम चल जाए दुकान किनकी है।
3. दुकानदार खूद भी तिलक लगाएं और यात्रियों को भी।
4. दुकानदार दुकान के मंदिर में ज्योति(दिया )जरूर जलाएं।
5. दुकानदार अपनी किसी भी मंदिर दर्शन करते हुए की फोटो लगाएं ताकि विश्वास हो की आप कौन है।
इन सब को करने में कोई रोक नहीं है न ही कोई आदेश दे सकता है।
अपनी दुकान अपनी पहचान।
सरकार और सिस्टम के भरोसे अब नहीं रहा जा सकता, हमें खुद ही अपने आप को डेवलप करना होगा।
कानून का क्या एक बनाएगा तो एक उसे रोक देगा... जैसे बाबा जी इन लागू किया और कोर्ट ने रोक दिया...