हिंदुओं ने फैजाबाद सीट से समाजवादी पार्टी को इतनी ताकत दी की अब वो अयोध्या का रहा राम नहीं अवधेश बता रहे हैं , जय श्री राम कहने में जिसे समय है, राम नाम का पटका जो अपना नहीं बताते अब वो खुदको अयोध्या का राजा बता रहे हैं, इस पीड़ा के दंश के अब कैसे बचेंगे फैजाबाद के हिंदू? भाजपा को सबक सिखाने के चक्कर में तुमने ऐसे लोगों को अपने सर पर बिठा लिया जो अयोध्या का राजा राम को नहीं मानते.... धन्यवाद अवधेश और अखिलेश... हिंदुओं को उनकी गलती का अहसास दिलाने के लिए...अपनी गलती को कैसे सुधारोगे हिंदुओं...?
पूरी दुनिया जानती है की अयोध्या के राजा कौन हैं, सब जानते हैं की मेवाड़ के राजा कौन हैं, उज्जैन के अधिपति कौन हैं और काशी के कौन... लेकिन हिंदुओं की मूर्खता के कारण कभी मेवाड़ का राजा किसी और को बताकर एकलिंग जी का अपमान किया जाता है तो अब अयोध्या का राजा किसी सांसद को बताकर प्रभु श्री राम का घोर अपमान किया जाता है..? दोषी कौन है... क्या वो जो अपने एजेंडे पर आगे बढ़ रहे हैं या वो हिंदू जो सोने का स्वांग कर रहे हैं और उन एजेंडा धारियों को अपना नेता चुन रहे हैं। जागो हिंदू जागो .. अपने ही भगवा का अपमान अपने वोट से कर रहे हो.. क्या मुंह दिखाओगे अपनी पीढ़ियों को... वो धोबी आजतक गाली खाता है!!!
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के पाँव आजकल जमीन पर नहीं हैं। लोकसभा में उनकी पार्टी के सांसदों की संख्या 5 से बढ़कर 37 हो गई है। इसके बाद से वे और उनकी पार्टी के नेता लगातार अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने भगवान राम का अपमान करते हुए फैजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद को ‘राजा अयोध्या’ बताया है। भाजपा ने इसे सपा का अहंकार बताया है।
दरअसल, अखिलेश यादव गुरुवार (27 जून 2024) को फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के साथ संसद पहुँचे। अखिलेश फैजाबाद की सीट पर समाजवादी पार्टी की जीत के बारे में बता रहे थे। उसी दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा ने अयोध्या यानी फैजाबाद को केवल बर्बाद किया, लेकिन सपा वाले लोकतंत्र रक्षक सेनानी हैं।
इस दौरान अखिलेश यादव भावनाओं में बहकर दो कदम और आगे चले गए। मीडिया से बातचीत के दौरान भीड़ में पीछे खड़े फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद को आवाज देकर आगे बुलाते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “लोकतंत्र रक्षक सेनानी अवधेश जी हमारे साथ खड़े हैं। राजा अयोध्या।” बता दें कि अयोध्या का राजा भगवान श्रीराम को कहा जाता है।
अखिलेश यादव के इस बयान पर भाजपा ने हमला बोला है। भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “सपा के सिर पर अहंकार सवार हो गया है। अयोध्या के सांसद को ‘अयोध्या का राजा’ कहना शर्मनाक व्यवहार है। ‘राजा अयोध्या’ सिर्फ प्रभु श्रीराम हैं! सनातन और हिंदू धर्म एवं रामचरितमानस का लगातार अपमान करने के बाद अब ऐसा बयान।”
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि समाजवादी पार्टी ने भगवान राम का इस तरह अपमान किया हो। मेरठ से भाजपा के सांसद अरुण गोविल ने संस्कृत में शपथ ग्रहण के बाद जय श्रीराम के नारे लगाए थे। इसके बाद सदन में बैठे समाजवादी पार्टी के नेताओं ने ‘जय अवधेश’ के नारे लगाए थे। इस दौरान फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद ने सदन में खड़े होकर सपा के नेताओं का अभिवादन भी किया था।
समाजवादी पार्टी में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। स्वामी प्रसाद ने कहा कि वो रामचरितमानस को धर्म ग्रंथ मानते ही नहीं हैं, क्योंकि इस किताब को तुलसीदास ने अपनी खुद की ख़ुशी के लिए लिखा था। उन्होंने आरोप लगाया था कि रामचरितमानस में कुछ ऐसी चौपाइयाँ हैं, जिनमें शूद्रों को अधम होने का सर्टिफिकेट दिया गया है।
मौर्या ने उन चौपाइयों को एक वर्ग के लिए गाली जैसे बताया था। उन्होंने कहा था कि रामचरितमानस के हिसाब से ब्राह्मण भले ही कितना गलत करे वो सही और शूद्र कितना भी सही करे वो गलत होता है। मौर्य के अनुसार, अगर उसे ही धर्म कहते हैं वो ऐसे धर्म का सत्यानाश हो और ऐसे धर्म को वो दूर से नमस्कार करते हैं।