क्यों होते हैं कुलदेवी या कुलदेवता?
▪️उनकी पूजा का महत्व क्या हैं?
▪️कुलदेवी/कुलदेवता की पूजा कैसे की जाती हैं?
▪️कब की जाती है कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा?
▪️अगर आपको अपनी कुलदेवी/कुलदेवता के बारे में कुछ नहीं पता हो तो आप क्या करे ?
*🔹क्यों होते हैं कुलदेवी या कुलदेवता*
प्रत्येक परिवार या वंश का एक विशिष्ट दैवीय संबंध होता है जो पीढ़ियों के माध्यम से आगे बढ़ता है। किसी भी कुलदेवी या कुलदेवता को वंश के संरक्षक के रूप में देखा जाता है, जो उस कुल के सभी सदस्यों की रक्षा करते हैं।
*🔹 कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा का महत्व क्या हैं ?*
- कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा करने से परिवार पर आशीर्वाद बना रहता हैं तथा समृद्धि आती है।
- उनकी पूजा परिवार तथा परिवार की परंपराओं को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- उनकी पूजा करने से परिवार के सदस्यों के बीच एकता और सामंजस्य बढ़ता है।
- यदि नवविवाहित दंपत्ति को कुलदेवता के दर्शन कराये जाये तो उनके रिश्ते में हमेशा सामंजस्य बना रहता है।
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*🔹कब की जाती है कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा*
- प्रत्येक शुभ अवसर पर कुलदेवी या कुलदेवता का आह्वान कर उनकी पूजा की जाती हैं ।
- विशेषकर प्रत्येक विवाह संस्कार में उन्हें आमंत्रित करना तथा उनका आशीर्वाद लेना अनिवार्य होता हैं, जिससे कुल की समृद्धि बनी रहे।
- उन्हें हमारे वंश का रक्षक माना जाता है, इसलिए बच्चे के जन्म के बाद उसे दर्शन के लिए जरूर ले जाया जाता हैं जिससे बच्चे का स्वास्थ्य सदैव अच्छा बना रहे तथा जीवन में कोई समस्या न आए।
*🔹 कैसे की जाती है कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा*
- नींबू उतारें
कुलदेवी या भगवान की असीम कृपा पाने के लिए उनके स्थान पर जाकर एक नींबू को अपने सिर के ऊपर से 21 बार उतारें। इसके बाद उसे दो भागों में काटकर अलग-अलग दिशाओं में फेंक दें। इसके बाद कुलदेवी या भगवान से क्षमा याचना करें और पूजा करें।
- घी का दीपक
कुलदेवी या भगवान की पूजा करते समय शुद्ध घी से धूप और कपूर जलाना चाहिए।
- साबुत चावल चढ़ाएं
कुलदेवता को चंदन, अक्षत, सिंदूर आदि लगाएं। इसके साथ ही हल्दी में भीगे पीले चावल चढ़ाना शुभ होता है।
- पान के साथ ये चीजें चढ़ाएं
पूजा के समय कुलदेवी या भगवान को सुपारी, लौंग, इलायची, दक्षिणा, गुलकंद आदि चढ़ाएं।
- तस्वीर न हो तो करें ये काम
अगर आपके घर में कुलदेवी या भगवान की तस्वीर या मूर्ति न हो तो एक सुपारी में कलावा अच्छे से लपेट लें। इसे प्रतीकात्मक रूप से बांधें और पूजा करें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
*🔹कुलदेवी या देवता की पूजा के बिना शुभ अवसर को अधूरा माना जाता है*
- कुलदेवी या कुलदेवता को परिवार या कुल का रक्षक माना जाता है और इनके आह्वान के बिना कोई भी शुभ अवसर पूरा नहीं माना जाता। ये घर-परिवार या वंश-परंपरा के प्रथम पूज्य और मुख्य अधिकारी देवता हैं। इनकी गिनती हमारे घर के बुजुर्ग सदस्यों की तरह होती है। इसलिए हर शुभ काम में इन्हें याद करना जरूरी है। इनका प्रभाव इतना महत्वपूर्ण है कि अगर ये नाराज हो जाएं तो हनुमानजी के अलावा कोई भी अन्य देवी-देवता इनके बुरे प्रभाव या नुकसान को कम या रोक नहीं सकता।
*🔹 अगर आपको अपनी कुलदेवी के बारे में कुछ नहीं पता*
-अगर किसी व्यक्ति को अपनी कुलदेवी या देवता के बारे में कुछ नहीं पता है तो वह मां दुर्गा और भैरव महाराज के नाम का स्मरण करते हुए पूजा कर सकता है।