समझ नहीं आता है कि भगवा वस्त्र पहने साधु-संतों को अपमानित होते हुए देख कर कुछ तथाकथित पत्रकारों को किस तरह के कामोन्माद का अनुभव होता है। फोर्टिस हॉस्पिटल चेन की स्थापना करने वाले शिविंदर और मलविंदर कई महीने से जेल में हैं, लेकिन मजाल कि किसी पत्रकार ने उनकी तस्वीरें शेयर कर के संविधान और बाबासाहब की बात की हो!
आप जानते हैं बाबा रामदेव की गलती क्या है?
पहली गलती - भगवा वस्त्र पहनना।
दूसरी गलती - एक ऐसे समय में योग को दोबारा लोकप्रिय बनाना जब फार्मा माफियाओं ने भारत के बाजार पर राज करना शुरू कर दिया था।
तीसरी गलती - आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार, जिससे बड़ी-बड़ी एलोपैथिक कंपनियों को टेंशन हुआ।
चौथी गलती - कोल्डड्रिंक्स और जंक फ़ूड के खिलाफ अभियान, जिससे स्वास्थ्य को ख़राब करने वाली वस्तुएँ बेचने वाली कंपनियों के चेहरे पर शिकन पड़े।
ये बात अलग है कि जब इनका फिटनेस ट्रेनर कहता है कि चिप्स-कुरकुरे मत खाओ तो ये उसका ऐसे पालन करेंगे जैसे भगवान का आदेश हो, लेकिन यही बात Baba Ramdev कह दें तो संविधान-बाबासाहब याद आने लगता है।
आप जानते हैं इस सुनवाई में जज कौन थे? जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह।
Patanjali ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है और किसान जड़ी-बूटी की खेती कर के कमाई कर रहे हैं। हर उस व्यक्ति को आज बाबाजी के साथ खड़ा होना चाहिए जिसे बाबाजी ने किसी न किसी प्रकार लाभ पहुंचाया है और उन्हें भी याद रखना चाहिए जो आज बाबाजी का और बाबाजी के नाम पर भगवा का अपमान कर रहे हैं
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