क्या आप चाहेंगे की आप उनकी मदद करें जो आपके धर्म से घृणा करते हैं, जो आपकी बहन बेटियों को लव जेहाद में फांसते हैं, जो आपके देवी देवताओं का अपमान करते हैं, मंदिर तोड़ते हैं आदि आदि...
नहीं! लेकिन आप कर रहे हैं ...
सिद्धिविनायक देश का चौथा सबसे अमीर मंदिर। ये अमीर किसके पैसों से बना? लेकिन उन पैसों का उपयोग कहां हो रहा है क्या ये आपने कभी सोचा? Video देखिए शायद आपकी आंखें खुल जाए? 👇
दान कीजिए अच्छी बात है लेकिन यदि आपका दान सही जगह नहीं जाता तो आप पुण्य नहीं पाप कर रहे हैं जिसकी आज आपको या हो सकता है आपकी आने वाली पीढ़ियों को मिले..
हिंदुओं जाग जाओ, सुधर जाओ अन्यथा भयानक दुष्परिणाम होंगे जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते।
दान देना ही है तो जरूरत मंद सनातनी जो दो उसकी सीधे मदद करो, किसी गौशाला में दो जो गौमाता की सेवा कर रही हो। किसी संगठन को दो हो सेकुलर न हो अपितु वाकई सनातन धर्म की सेवा में कार्यरत हो।
दान देने से पहले दान पात्र को बिलकुल सही तरीके से जांच लो, जगह जगह , मंदिर मंदिर जाकर थोड़ा थोड़ा दान देने से अच्छा है किसी एक संस्था, गौशाला आदि की पूरी जानकारी जुटाईए और फिर उसे दान दो ताकि उनकी जरूरतें पूरी हो सके।
वाकई हिंदुओं का बड़ा भरा हाल है, कुछ तो सोए हुए हैं और हो जागे हुए हैं वो भी ऐसी गलतियां कर रहे हैं जो उनकी पीढ़ियों के लिए विनाश की तैयारी कर रही है।
सिद्धि विनायक मंदिर भारत का चौथा सबसे अमीर मंदिर जहां लोगों से VIP या जल्दी दर्शन के डोनेशन के नाम पर 100 Rs प्रति व्यक्ति डोनेशन वसूला जाता है
और ये पैसा कहां यूज होता है ये भी वीडियो में देखा और समझा जा सकता है
हिंदुओं से निवेदन हैं की भावनाओं में बहकर ऐसा कृत्य ना करें जो आपके आपकी पीढ़ियों के और आपके धर्म के लिए घातक बन जाएं।
दान ऐसी जगह दें जिसका प्रयोग सही जगह होता हो, आंखे बंद करके दान देना अभी पुण्य नहीं पाप होता है
👇गीता में भगवान ने कहा है
दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे।
देशे काले च पात्रे च तद्दानं सात्त्विकं स्मृतम्।।17.20।।
"दान देना ही कर्तव्य है" - इस भाव से जो दान योग्य देश, काल को देखकर ऐसे (योग्य) पात्र (व्यक्ति) को दिया जाता है, जिससे प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं होती है, वह दान सात्त्विक माना गया है।।
जागो और ठीक से जागो...