हिंदुओं को देवकीनंदन ठाकुर जी का सीधा संदेश, हर सनातनी को धर्महित में अपने धर्म प्रेमियों, संतों, की बातें पूरी निष्ठा से माननी ही चाहिए।
सेक्युलरिज्म और भाईचारे के झूठे दिखावे के चक्कर में हिंदुओं ने पहले ही अपने धर्म का, समाज का काफी विनाश कर लिया है, अब भी यदि सजग नहीं हुए और ऐसे ही अधर्म मार्ग पर चलते रहे तो शर्वनाश होगा, आने वाली पीढ़ियां विधर्मी हो जाएंगी..
स्वधर्म का पालन करो, अपने त्योंहारों को समझो और उच्च प्रकार से सात्विकता के साथ उन्हें मनाओ ताकि समाज में हर्ष उल्लास के वातावरण का निर्माण हो। ऐसी विचारधारा जो विनाश चाहती हो उसका बहिष्कार होना चाहिए ..