चौकानें वाले खुलासा:
तुम्हारी सरकार होने के बाद भी सिस्टम उनका मजबूत कैसे भई?
पहले जरा इनकी यूनिवर्सिटीज पर गौर कर लो, जहाँ से बही डिग्री प्राप्त होती है जो सिस्टम तक पहुंचाती है, जहाँ तुम झाँकने भी नही जाते।
1.अल अमीन एजुकेशनल सोसाइटी , बैंगलोर
2. जामिया सल्फ़िया, वाराणसी
3. अल बरकत इंस्टिट्यूट, अलीगढ़
4. Aliah यूनिवर्सिटी, कोलकाता
5. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
6. अल फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद
7. अंजुमान हमी ए मुसलमीन, भटकल
8. अंजुमन ए इस्लाम, मुंबई
9. अंसार अरेबिक कालेज, मल्लपुरम
10. अल जामिया अल इस्लामिया, मल्लपुरम
11. वीमेन इस्लामिया कालेज, मल्लपुरम
12. नियाज मुहम्मद कालेज, बैसूली बदायूँ
13. दारुल हुदा इस्लामिक यूनिवर्सिटी
14. हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली
15. जमाल मोहम्मद कालेज Trichy
16. इब्न सीना अकैडमी
17. जामिया अर्फ़िया, कौशाम्बी
18. जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
19. जामिया नूरिया अरबिया
20. मदरसा अल बकीयत अल सहलात, वेल्लूर
आदि आदि - इत्यादि !
ये सारे chuस्लिम स्पेशल इंस्टिट्यूट हैं, यहाँ हिन्दू मिलेंगे नही, मिलेंगे भी तो नाम मात्र के वो भी कुछ जगह जो केंद्रीय बड़ी यूनिवर्सिटी हैं।
IAS के एग्जाम में अचानक इनकी बाढ़ क्यों आ गयी है? अचानक इतना दिमाग कहाँ से ले आए?
जैसे: अलीगढ या ओस्मानिया हैदराबाद, बाकी हजारों इंस्टिट्यूट हैं, जहाँ हिन्दू झाँकने भी नहीं जाता, अल्पसंख्यक यूनिवर्सिटी-कालेज के अंतर्गत चल रहे हैं, सरकार से पैसा पाते हैं और अपनी तालीम पढ़ाते हैं
पिछले 7-8 सालों (2015) से ये लोग UPSC में बहुत सेलेक्ट हो रहें है, इसका कारण आप नही जानते तो ये पोस्ट इग्नोर करो
एक भी ऐसी यूनिवर्सिटी इस देश में है जहाँ हिंदुत्व या वैदिक कल्चर की पढ़ाई होती हो? जहाँ वेद पढ़ाये जाते हों? जो सिस्टम तक पहुंचने में मान्य हो? पर chuस्लामिक स्टडी की हजारों हैं? नहीं।
लगभग 40 करोड़ की आबादी है और भारत सरकार इन्हे अल्पसंख्यक कहती है, अरे इतनी आवादी तो दुनिया में कई देशो में है भी नही।
उर्दू भाषा का भारत के सरकारी स्कूल कॉलेज या यूनिवर्सिटीज से क्या लेना देना? ये तो महजबी भाषा है?
असम सरकार की तर्ज पर हमारे देश को मह जबी mad_रसे नही चाहिए।
☹️☹️☹️😡😡😡
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