लखनऊ में लूलू माल जाइए, एक पल को लगेगा पाकिस्तान में आ गये. तहमत बनियाइन पहने हुवे लोग, बुर्का पहने हुवे मोहतरमायें, ऊँचे पैजामे में टहलते बच्चे. सामान्यतः भारत में किसी भी माल में आप ऐसा दृश्य नहीं पायेंगे.
वजह क्या है? वजह यह है कि चूस्लिमों विशेष कर जो गरीब तबका है, उस को लगता है ये उनकी अपनी माल है. स्टाफ़ में आप ढेर सारी हिजाब पहने हुवे चूस्लिम लड़कियाँ पायेंगे - सामान्यतः उनके घर वाले ऐसे नौकरी अलाउ न करते पर यहाँ उनका कॉन्फ़िडेंस रहता है.
हज़ारों mलाना मिल कर जो अपने मज़हब के लिए न कर पाये होंगे, लूलू का मालिक अकेले परिवर्तन ला रहा है. बीसवीं सदी में चूस्लाम की ताक़त के पीछे तलवार से ज्यादा अऊदी की आयल मनी का हाथ है.
वैसे ही जॉन रॉकफ़ेलर थे. स्टैण्डर्ड आयल के मालिक. कट्टर ईसाई. विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति. मरे हुवे 85 साल हो गये लेकिन उनके एनजीओ ने इतने वर्षों में पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा रखी है, सरकारें तक बदल देते हैं, ईसाई रिलीजन को बढ़ाने में रॉकफ़ेलर ने जितना सहयोग किया वैसा दसियों पोप मिल कर न कर पायेंगे.
फ़ाइनेंशियली पावरफुल होकर आप अपने धर्म की जितनी मदद कर पायेंगे उतनी फ्री में जीवन देकर भी न कर पायेंगे. दुर्भाग्य वस सैंकड़ों वर्षों की ग़ुलामी और फिर दसकों की कम्युनिस्ट विचार धारा ने हिंदुवों के एक बड़े वर्ग में वह समाजवादी सोंच ला दी जिसमें पैसा कमाना अपराध घोषित हो गया. आज हिंदुवों का कोई भी बड़ा उद्योगपति इतना खुल कर हिंदुवों का समर्थन नहीं कर सकता जितना आज भी अमेरिका में चिक फिल्ला कंपनी ईसाइयों का करती है. वजह भी है, अभी कोई बड़ा हिन्दू उद्योगपति खुल कर सपोर्ट करने लगे, हिन्दू वादी लेंस लेकर उसकी स्क्रूटिनी में लग जाएँगे और कहीं से कोई न कोई एक छोटा मोटा बिंदु लाकर उसको तबाह करने पर लग जाएँगे.
कलियुग अर्थ प्रधान है. यह सिंपल बात जिस दिन धर्म के अनुयाइयों को समझ आएगी, पूरी दुनिया में धर्म फैल जाएगा.
Source https://twitter.com/Shubhamhindu01/status/1699764327245570174?t=MFxJS3Hr0DPpIm8rTLFBQg&s=19