आप लोग चाहे जितना मर्जी राहुल गांधी का मजाक उड़ा लीजिए लेकिन एक चीज आपको सोचना पड़ेगा यह निरंतर जमीनी स्तर पर मेहनत कर रहे है, हर वर्ग हर व्यवसाय के लोगों के साथ मिल रहे है जिसका आने वाले चुनाव में कुछ ना कुछ पॉजिटिव असर जरूर पड़ेगा
वहीं हमारे प्रधानमंत्री आदरणीय मोदी जी हिंदुत्व को भूलकर सर्व धर्म सद्भाव के रास्ते पर चल रहे हैं और नोबेल पुरस्कार लेने के लिए निरंतर प्रयासरत है! - "ऐसा कुछ लोगों को महसूस हो रहा है"
दूसरे तरफ हम राष्ट्रवादी हिंदू अब कहीं ना कहीं अपने अहंकार में चूर हो गए हैं, हमें लगता है की सत्ता हमारे बाप का जागीर हो चुका है जो अब कभी नहीं जाएगा तो इस भ्रम से बाहर निकलिए और एक दूसरे हिंदू के साथ जुड़िए, ज्यादातर हिंदुओं में सबसे बड़ा दिक्कत यह है कि वह अपने आप को सर्वश्रेष्ठ समझते हैं जो हिंदुओं का सबसे बड़ा गलती साबित हो सकता है!
यदि तीसरी बार मोदी सरकार चाहिए तो भाजपा के साथ-साथ सभी राष्ट्रवादी हिंदुओं को अभी से एक दूसरे का सहयोग करते हुए सोशल मीडिया से लेकर जमीनी स्तर तक जी तोड़ मेहनत करना पड़ेगा अन्यथा विपक्ष को कमजोर समझने के भूल में आपने पहले भी कर्नाटक गंवाया है, वह सिर्फ एक सिग्नल था, अभी बहुत कुछ बाकी है!