पिछले कुछ समय में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जहां मुस्लिमों को हिंदू मंदिरों अथवा धार्मिक स्थलों पर अथवा पास में नमाज अदा करते पाया गया। आखिर क्या कारण है? यदि महादेव या हिंदू देवी देवताओं में श्रद्धा है तो घर वापसी क्यों नहीं कर लेते, और जैसा कि सर्वविदित है "मूर्ति पूजा हराम है" तो फिर किस उद्देस्य से ये सब किया जाता है? अब मामला गुजरात, वडोदरा के महाराजा सयाजी राव विश्वविद्यालय की जहां तीन मुस्लिम युवक पैजामा-कुर्ता पहने नमाज पढ़ते दिखाई दिए।
ऐसी घटनाओं पर गंभीरता से संज्ञान लेने की आवश्यकता है , इसे जबरदस्ती सेक्युलरिज्म या भाईचारे का नाम देकर छोड़ देना उचित नहीं। मस्जिदों के सामने से गुजरने पर हिंदू रैलियों पर पथराव की खबरें तो अनगिनत सभी ने सुनी हो होगी अभी हाल ही में नूंह में तो आतंकी हमला हुवा था हिंदुओं पर...इसलिए जबरदस्ती हिंदुओं को एकतरफा भाईचारे का चूर्ण नहीं चाटना चाहिए। सावधान रहें क्योंकि हो सकता है मुगल काल की तरह हिंदू धर्मस्थलों पर नजर हो....
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गुजरात के शहर वड़ोदरा के महाराजा सयाजी राव विश्वविद्यालय का एक वीडियो वायरल हो रहा है, वायरल वीडियो में तीन मुस्लिम युवक पैजामा-कुर्ता पहने नमाज पढ़ते दिखाई दे रहे हैं। हालाँकि, वीडियो वायरल होने के बाद इस पर विवाद खड़ा हो गया है।
देशगुजरात के अनुसार, विश्वविद्यालय में बने शिव मंदिर के पास तीन युवकों का शाम को 4:45 मिनट पर नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल सामने आया है। यह मंदिर विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के पास बना हुआ है।
यह जानकारी सामने आई है कि नमाज पढ़ने वाले तीनों छात्र बी कॉम में पढ़ते हैं और पहले वर्ष के छात्र हैं। छात्र नेता संजय जायसवाल ने इस घटना को गंभीर बताकर इसकी भी आशंका जताई है कि यह पूरा वाकया प्रायोजित हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि नमाज मंदिर के सामने नहीं बल्कि मस्जिद में पढ़ी जानी चाहिए।
अब इस मामले में विश्वविद्यालय के प्रवक्ता का कहना है कि एक उच्च स्तरीय कमिटी बनाकर इसकी जाँच की जाएगी। इस विश्वविद्यालय में नमाज को लेकर यह कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले जनवरी 2023 में भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी जिसमें एक छात्र वनस्पति विज्ञान विभाग में नमाज पढ़ रहा था। शिवसेना नेता ने इस मामले की है।
इसके अतिरिक्त, 25-26 दिसम्बर को दो बार बाहरी छात्रों को यहाँ नमाज पढ़ते देखा गया था। एक घटना में एक युवक युवती के साथ नमाज पढ़ रहा था जबकि दूसरी घटना में दो युवक नमाज पढ़ रहे थे। तब इन युवकों को विश्वविद्यालय के छात्रों ने रोका था। इन मामलों में पुलिस में भी शिकायत दर्ज की गई थी।
10 महीनों के भीतर छात्रों के नमाज पढ़ने की यह चौथी घटना है। हालाँकि, इस बार छात्रों का नमाज पढ़ना तुंरत किसी के संज्ञान में नहीं आया। इस घटना के बाद विश्वविद्यालय की सुरक्षा को लेकर भी प्रश्न उठ रहे हैं।