वामपंथी कार्यकर्ता राणा अय्यूब और राष्ट्रवादी इसरो वैज्ञानिक एस सोमनाथ के बीच वैध तुलना ।
एक को बिजनेस क्लास में अपने ही राष्ट्र को अपमानित करने के लिए विदेशी भूमि की यात्रा करता है, जबकि दूसरा इकोनॉमिक क्लास में यात्रा करता है और अपने राष्ट्र के चंद्रयान 3 की सफलता में योगदान देता है ।
लोगों को यह समझने की जरूरत है कि वामपंथी गरीबों के मुद्दों को नहीं उठा सकते ।
ये केवल गिद्ध-कार्यकर्ताओं का एक समूह है, जिनका अस्तित्व लोगों को भड़काने, बांटने और विकृत मानसिकता को आगे बढ़ाने पर आधारित है । तो सतर्क हो!