रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाए पर वचन न जाई।।
क्षत्रियों की मर्यादा उनकी वचनबद्धता हजारों सालों से कैसी रही है समाज के प्रति अपने धर्म के प्रति और संस्कृति के प्रति, यह बात अगर साक्षात रूप में देखनी है तो उन 105 गांवों में जाकर देखी जा सकती है।
अयोध्या के आस-पास स्थित 105 गांवों के सूर्यवंशी क्षत्रिय अपना वादा पिछले 500 वर्षों से निभा रहे थे, उनका वादा पूरा हुआ... अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का मंदिर बन रहा है, अब वह क्षत्रिय जूते और पगड़ी पहन सकेंगे, जिनकी कई पीढ़ियों ने अपने पुरखों का वचन निभाते हुए पकड़ी और जूते नहीं पहने थे।
पीढ़ी दर पीढ़ी इन्हीं के संघर्षों और बलिदानों की बदौलत आज सनातन धर्म फिर से पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है। हमारे सनातन के मर्यादा पुरुषोत्तम राम का मंदिर फिर से एक बार भव्यता के साथ आकार ले रहा है। पूरी दुनिया बहुत ही मंत्रमुग्ध होकर हमारे इस पुनरोत्थान को आश्चर्य से देख रही है और भागीदार होने के लिए व्याकुल है।
वह सनातनी जो क्षत्रियों के बलिदानों को समझते हैं, हिंदू समाज के ऐसे सभी लोग नमन करते हैं इन वीरों और इनके पुरखों को 🙏🙏🙏
बधाइयां और शुभकामनाएं।
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