देश भर में ही नहीं विदेशों में भी लोग खुशियां मना रहे हैं लेकिन कुछ लोग हैं जिन्हें अब भी भयानक पीड़ा हो रही है, जो मोदी का नाम इस सफलता से जुड़ने से बिलकुल खुश नहीं हैं और सोशल मीडिया पर उनकी छुपी हुई खूनी पाइल्स दुनिया के सामने आ रही है। कुछ इसरो को स्थापना का श्रेय नेहरू को दे रहे हैं तो कुछ का कहना है की का सफल लैंडिंग का पूरा श्रेय वैज्ञानिकों को ही जाना चाहिए, मोदी को बिलकुल श्रेय नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि लैंडिंग होते ही खुद सोमनाथ जी ने भी सबसे पहले प्रधानमंत्री जी को ही ये खुशी की खबर बिलकुल खुश होकर सुनाई।
मोदी सरकार की इस उपलब्धि से इस गैंग को मिर्ची लग गई है। मिशन की सफलता के तुरंत बाद पीएम मोदी ने दक्षिण अफ़्रीका से इसरो चीफ एस सोमनाथ को फोन कर बधाई दी। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर ऐसे मीम्स और ट्वीट्स की बाढ़ आ गई हैं, जिसके जरिए इस उपलब्धि को हँसी में उड़ाने की कोशिश की जा रही है।
भारत की इस कीर्तिमान का किसी ने ये कहकर मजाक उड़ाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टेलिप्रॉम्प्टर से भी ISRO का पूरा नाम नहीं बता सकते, तो किसी ने ये कहा मोदी के ड्रामेबाजी वाली चिल्लाहट इसरो निदेशक के 5 सेकंड के भाषण से अधिक महत्वपूर्ण थी।
खैर जिनको मिर्ची लगने के बीमारी है उनका इलाज तो इतना आसान नहीं लेकिन भारत प्रेमियों के लिए तो ये पल खुशियों भरा है और प्रधानमंत्री के नेतृत्व को भी भारतवासियों का नमन है