#शुभ_रात्रि
जीवन का आनंद वे अनुभव नहीं कर सकते जो सुखों में जीना सीखे हों। जो मनुष्य संकटों को सहन करना जानता है वही सुख का आनंद लूट सकता है। रेगिस्तान पार करके आनेवाला धूप और प्यास से पीड़ित व्यक्ति ही छाया और पानी का आनंद पा सकता है। जो लोग मुख पाने के लिए परिश्रम करते हैं, वे सुख का स्वाद अधिक पाते हैं और जिन्हें बिना परिश्रम किए सुख-आराम मिल जाता है, वे सुख-आराम को भी मौत समझते हैं। जो पानी से डरते हैं, समुद्र में उनके ही डूबने का खतरा रहता है। लहरों से खेलने का अभ्यास करनेवालों को खतरा नहीं होता।
जो धूप में परिश्रम करता है वही चाँदनी की ठंडक का आनंद अनुभव कर सकता है; क्योंकि आराम का सुख परिश्रम करने के बाद ज्ञात होता है। पंखों के नीचे धूप का समय बितानेवाला चाँदनी का मजा क्या जानेगा! दिन-भर भूखा रहनेवाला व्यक्ति ही भोजन का स्वाद जान सकता है। इसी प्रकार त्याग और संयम द्वारा ही जीवन का सुख प्राप्त हो सकता है, भोगी बनकर नहीं।
संकटों में पलनेवाले महान् पुरुष ही संसार पर अधिकार करते हैं; जैसे कि महाभारत के युद्ध में कौरवों के साथ अधिक वीर थे, फिर भी पांडव जीते; क्योंकि उन्होंने वनवास के संकट सहे थे। चर्चिल के मत में, “साहसी में सब गुण होते हैं।” जीवन के दो पक्ष हैं। एक तो महान् लक्ष्य के लिए यत्न करना। विजय पाने में अनेक बाधाओं को ठुकराकर कदम आगे बढ़ाते रहना। दूसरा पक्ष है कि उन गरीब लोगों का सहायक बने जो अधिक सुखी नहीं और न ही अधिक दुखी हैं, जो जीतकर हँसते नहीं और हार कर रोते नहीं। जीवन में आगे बढ़ते रहने में, उन्नति करते रहने में ही मजा है।
साहसी मनुष्य का जीवन ही सच्चा जीवन होता है। साहसी मनुष्य अपने उद्देश्य को ओर बढ़ते रहते हैं। वे औरों की नकल नहीं करते। वास्तव में साहसी लोग ही संसार की शक्ति होते हैं । साहसी लोग अपने मार्ग पर अकेले ही बढ़ते हैं जैसे शेर जंगल में अकेला ही रहता है। डरपोक लोग ही भेड़ों की तरह झंड बनाकर रहते हैं।
अर्नाल्ड बेनेट का कथन है, “जो मनुष्य महान् उद्देश्य को पूरा करते समय साहस नहीं धारण कर सका और जीवन की चुनौतियों का सामना नहीं कर सका, वह सुखी नहीं हो सकता। ऐसे मनुष्य की आत्मा उसे धिक्कारती है। यदि हमारी आत्मा हमें कायर होने के लिए धिक्कारती है तो इससे मर जाना ही अच्छा है।”
संकट झेलना ही जीवन का सार है। जो संकटों से बचता है वह वास्तविक जीवन से कोसों दूर होता है। जीवन में संकटों का सामना करना एक पूंजी है। जो इस पूँजी को जिस मात्रा में लगाता है उसी मात्रा में वह उसका फल पाता है। जीवन को अनंत मानकर आगे बढ़नेवाला मनुष्य ही जीवन का रहस्य प्राप्त कर सकता है।
. 🚩हर हर महादेव🚩