जब नेता ही गलत चीजें फैलाएंगे तो जनता को क्यों दोष देना? और यदि जनता को फेक खबर, गलत फोटो, गलत पोस्ट फैलाने पर सजा हो सकती है तो नेताओं को तो अधिक और कठोर सजा मिलनी चाहिए.... लेकिन भारत का कानून, प्रशासन ऐसा कुछ कर नहीं पाता।
एक बिहार का व्यक्ति मनीष कश्यप अफवाह फैलाता है तो उसपर NSA लगा दिया जाता है सुप्रीम कोर्ट भी उसकी जमानत नहीं करता, लेकिन दिग्विजय सिंह जैसा नेता भारत के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित संगठन के सरसंघचालक रहे गुरु के प्रति अफवाह फैलाकर ना केवल संघ के लोगों की भावनाएं आहत करता है अपितु दलितों और पिछड़ों के मन में संघ के प्रति नफरत भरने का प्रयास करता है उसपर NSA जैसी कठोर कार्यवाही क्यों नहीं होनी चाहिए।
ये सब जरूर होता यदि वाकई सभिके लिए भारत में कानून एक समान होता.. लेकिन ऐसा है नहीं और ये बात भारत का बच्चा बच्चा समझता है। अगर कानून एक समान होता तो एक ही दिन में तिस्ता सीतलवाड़ में मामले में क्या 3 सुनवाई हो पाती और गुजरात कोर्ट ने जिसकी जमानत को गलत बताया उसे इतनी जल्दबाजी में सुप्रीम कोर्ट जमानत देता?
इससे भी बड़ी विचारणीय और शर्म की बात ये है की इतने बड़े संगठन में 100 - 200 लोग भी समर्पित नहीं जो नेहा सिंह और दिग्विजय जैसे लोगों पर 100 - 200 FIR तो करवा दें..
आइए जानते हैं क्या है कांग्रेसी दिग्विजय सिंह का मामला - opindia
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा (BJP) पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। कई बार ये उनके लिए मुसीबत बन जाती है। उन्होंने संघ के सरसंघचालक रहे गुरु गोलवलकर को लेकर गलत किया। इसके बाद उनके खिलाफ एडवोकेट राजेश जोशी नाम के शख्स ने इंदौर में FIR दर्ज कराई है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने गुरुजी के नाम से पहचाने जाने वाले संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिवराव गोलवलकर की एक तस्वीर पोस्ट की।
तस्वीर के साथ दिग्विजय सिंह ने लिखा, “गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल जंगल व ज़मीन पर अधिकार पर क्या विचार थे अवश्य जानिए।”
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने जो तस्वीर ट्वीट की है, उस पर लिखा है, ‘सदाशिवराव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक We and our nationhood identified में स्पष्ट लिखा है। जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो तीन विश्वसनीय धनी लोगों सौंप दें। 95 percent जनता को भिखारी बना दें। उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी।’
ट्वीट किए गए गुरु गोलवलकर की तस्वीर पर आगे लिखा है, ‘मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूँ लेकिन जो दलित पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए। – गोलवलकर गुरुजी, 1940’
दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर RSS के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने ट्वीट करके प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “श्री गोलवलकर गुरूजी के संदर्भ में यह ट्वीट तथ्यहिन है तथा सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है।संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा photoshopped चित्र लगाया हैं। श्री गुरूजी ने कभी भी ऐसे नहीं कहा। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को समाप्त करने में लगा रहा।”
अब कॉन्ग्रेस नेता के ट्वीट को लेकर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए मध्य प्रदेश के शहर इंदौर के थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। शिकायतकर्ता एडवोकेट राजेश जोशी ने शनिवार (8 जुलाई 2023) की देर रात तुकोगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायतकर्ता जोशी ने कहा है कि एक सोशल मीडिया पोस्ट में गोलवलकर को दलित और मुस्लिम विरोधी बताया गया, जो झूठ है। कॉन्ग्रेस नेता ने ना सिर्फ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि को नुकसान पहुँचाने की, बल्कि उसकी भावनाओं को भी ठोस पहुँचाई है।
राजेश जोशी की शिकायत के आधार पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A, 469, 500, 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है। FIR का अपराध क्रमांक 311/23 है।