मोदी सरकार के नाम एक और बड़ी उपलब्धि, 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा तथा राजस्थान राज्यों को सबसे अधिक फायदा
मोदी सरकार के नाम एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। प्रधानमंत्री मोदी के लगातारा उठाए गए कदमों से देश में गरीबों की संख्या में बड़ी कमी आई है।
आम जन के लिए मोदी सरकार के बड़े काम
◆ 46.25 करोड़ जनधन खाते खोले गए
◆ पीएम सुरक्षा बीमा योजना में 29.75 करोड़ लोग शामिल
◆ पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ 13.53 करोड़ लोगों को मिला
◆ 25 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे लाभार्थी के बैंक खातों में
◆ सौभाग्य योजना के तहत 2.89 करोड़ घर बिजली से रोशन हुए
◆ 37 करोड़ आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट बने
◆ 9.6 करोड़ उज्जवला योजना एलपीजी कनेक्शन
गरीबों के लिए सरकार की योजनाओं की मुख्य बातें
◆ पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
◆ स्वच्छ भारत के तहत 11.72 करोड़ शौचालयों का निर्माण
◆ 11.88 करोड़ नल से जल कनेक्शन
◆ पीएम आवास योजना के तहत 3 करोड़ से ज्यादा शहरी और ग्रामीण आवास स्वीकृत
◆ मुद्रा योजना के तहत छोटे उद्यमियों को व्यापार के लिए 39.65 करोड़ लोन
◆ कोविड लॉकडाउन के दौरान 20 करोड़ महिलाओं के खातों में कैश ट्रांसफर
◆ राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा
◆ 2014 से पहले की तुलना में पांच गुना अधिक एकलव्य आवासीय विद्यालय स्वीकृत
◆ 117 आकांक्षी जिले विकास के मापदंडो पर आगे बढ़े
◆ कैबिनेट में 60 फीसदी मंत्री एससी, एसटी या ओबीसी
बीते पांच साल यानी 2015-16 से 2019-21 के बीच भारत में 13.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।
■ भारत में बहुआयामी गरीबों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से 9.89 प्रतिशत अंक की कमी आई है। यह 2015-16 में 24.85 प्रतिशत थी और 2019-21 में कम होकर 14.96 प्रतिशत पर आ गई।
■ ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक कमी आई है। ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 32.59 प्रतिशत से घटकर 19.28 प्रतिशत पर आ गई है। वहीं शहरी क्षेत्रों में गरीबों की संख्या 8.65 प्रतिशत से घटकर 5.27 प्रतिशत रह गई है।
■ इस दौरान उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा तथा राजस्थान में गरीबों की संख्या में सबसे अधिक गिरावट दर्ज की गई।
■ भारत 2023 की निर्धारित समयसीमा की तुलना से काफी पहले एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) 1.2 (बहुआयामी गरीबी को कम से कम आधा घटाने के लक्ष्य) को हासिल करने की दिशा में बढ़ रहा है।
■ पोषण अभियान और एनीमिया मुक्त भारत जैसी योजनाओं ने स्वास्थ्य के मोर्चे पर कमियों को दूर करने में योगदान दिया है।
■ सरकार के स्वच्छता, पोषण, रसोई गैस, वित्तीय समावेशन, पेयजल और बिजली तक पहुंच में सुधार पर ध्यान देने से इन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। एमपीआई के सभी 12 मापदंडों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
ऑक्सफोर्ड गरीबी एवं मानव विकास पहल (पीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की ओर से जारी वैश्विक एमपीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार 2005-06 से 2019-21 तक केवल 15 साल में भारत में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले। एमपीआई मूल्य पांच वर्ष में 0.117 से घटकर 0.066 हो गया और 2015-16 से 2019-21 के बीच गरीबी की गहनता 47 प्रतिशत से घटकर 44 प्रतिशत पर आ गई।