अभिव्यक्ति को आजादी - नामतो सुना ही होगा? वैसे ये भारत में अलग अलग लोगो के लिए अलग अलग होती है! हिंदू धर्म पर कुछ भी कह लोग, हिंदू संतों को कितना भी अपमानित कर लो वो अभिव्यक्ति को आजादी के अंतर्गत आएगा लेकिन यदि एक पादरी कहा अश्लील डांस करता हुआ वीडियो भी वायरल कर दोगे तो भी अभिव्यक्ति की आजादी कहीं कोने में पड़ी सिसकती नजर आएगी।
अपने से कहीं कम उम्र की लड़की के कमर में हाथ डाल घटिया डांस करते हुए एक पादरी का वीडियो स्टंट मास्टर कन्नन ने ट्वीट क्या किया तमिलनाडु पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
कनाल कन्नन (Kanal Kannan) दक्षिण भारतीय फिल्मों के प्रसिद्ध स्टंट मास्टर हैं। 18 जून 2023 को स्टंट मास्टर ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में एक पादरी खुद से काफी छोटी उम्र की लड़की के कमर में हाथ डालकर डांस कर रहा था। वीडियो के बैकग्राउंड में तमिल गाना बज रहा था।
यह ट्वीट करके कन्नन ने मानो इतनी बड़ी गलती कर दी कि इन्हें तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार ही कर लिया...तो क्या अब सही चीजें भी शेयर नहीं करनी चाहिए? और क्या पादरी का इस तरह नाचना उचित हैं? और सोचिए यदि इसका 10% भी कोई संत नाच लेता ऐसे तो क्या होता? चारों तरफ हिंदू संतों और हिंदुओं को बदनाम करने का लंबा खेल शुरू हो गया होता।
इस ट्वीट को लेकर कन्याकुमारी के रहने वाले ऑस्टिन बेनेट ने कन्नन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। ऑस्टिन बेनेट DMK पार्टी से जुड़े और आईटी टीम के सदस्य हैं। ऑस्टिन की शिकायत पर कनाल कन्नन के खिलाफ नागरकोइल साइबर थाने में 2 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। इसी मामले में पुलिस ने कन्नन को सोमवार को पूछताछ के लिए बुलाया। सवाल-जवाब के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
तमिलनाडु के संगठन हिन्दू मुन्नानी ने तमिलनाडु पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया है। गिरफ्तारी के विरोध में संगठन ने पुलिस स्टेशन के आगे प्रदर्शन किया। मीडिया से बात करते हुए हिंदू मुन्नानी के प्रदेश राज्य प्रवक्ता एलंगोवन ने इसे फर्जी केस करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिस वीडियो को शेयर करने की वजह से कन्नन को गिरफ्तार किया गया है, वह पहले से ही वायरल है। हिन्दू मुन्नानी ने इस कार्रवाई को अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताते हुए कहा कि DMK इस पर राजनीति कर रही है।
एलंगोवन ने तमिलनाडु सरकार की हिन्दू विरोधी मामलों में शिकायतों पर ख़ामोशी को लेकर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि अपनी विचारधारा से अलग सोच रखने वाला हर व्यक्ति तमिलनाडु सरकार द्वारा परेशान किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल कन्नन को पेरियार विरोधी बयानबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। सितंबर 2022 में मद्रास हाई कोर्ट ने इस मामले में उन्हें सशर्त जमानत प्रदान की थी।