AMU के छात्रों का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें मुस्लिम लड़के एक हिंदू लड़के को बेरहमी से पीट रहे हैं और फिर उस हिंदू लड़के से जूते पर नाक भी रगड़वाई। मारपीट करने वाले छात्रों में एक का नाम जैद मोहम्मदी बताया जा रहा है. वीडियो में छात्र नेता फरहान जुबेरी भी बैठा नजर आ रहा है
आकाश के साथ मुस्लिम युवकों ने ऐसा केवल इसलिए किया क्योंकि आकाश ने शराब पीने से मना कर दिया। ये मुस्लिम लड़के जिन्होंने आकाश को पीटा वो रोज आकाश के दोस्त के होटल में जाकर शराब पीते हैं। अब सोचिए इनके मजहब में शराब हराम है और ये रोज शराब पीते हैं तथा जो नहीं पीता उसे पीटते हैं।
आश्चर्य की बात ये है की पुलिस ने इन अपराधियों पर केवल 151 के तहत कार्यवाही की खानापूर्ति की और छोड़ दिया.. कानून के ऐसे रवैए से क्या अपराधियों का हौसला नहीं बढ़ेगा?
मामला सिविल लाइन थाना इलाके के एएमयू के सुलेमान हॉल का है. जानकारी के मुताबिक, आकाश नाम का युवक प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है. उसके दोस्त का महेशपुर गांव के पास होटल है. मारपीट करने वाले छात्र इसी होटल में शराब पीने के लिए आते थे. आकाश ने इसका विरोध किया था. जिसके चलते आरोपी छात्र नाराज हो गए. इसके बाद उन्होंने 23 जून की दोपहर 3:00 बजे आकाश को धोखे से बुलाकर एएमयू के सुलेमान हॉस्टल ले गए और वहां उसकी पिटाई की.
पीड़ित ने जानकारी देते हुए बताया कि एएमयू का छात्र नेता फरहान मुझे शराब पीने के लिए कह रहा था. मैंने मना किया तो वह गुस्सा हो गए. तीन दिन बाद वह आया और बोला कि आकाश मुझे तुझसे कुछ बात करनी है और मुझे गाड़ी में बैठा कर एएमयू के सुलेमान हॉल ले गया. वहां 10-12 लड़के मौजूद थे, जिन्होंने मेरे साथ बदतमीजी और मारपीट की. उन्होंने मेरा फोन छीन लिया. पुलिस से शिकायत की तो मुझे भी थाने में बंद कर लिया. मैंने पुलिस से बताया कि मेरी गलती नहीं है तब रात को 8:00 बजे मुझे छोड़ गया. मुझे यह जानकारी नहीं है कि आरोपी छात्रों पर क्या कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि पुलिस ने महज 151 की कार्यवाही करके खानापूर्ति की है.
इस मामले को लेकर करणी सेना के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र सिंह चौहान ने बयान दिया. उन्होंने बताया कि एएमयू कैंपस में एक गरीब युवक के साथ बेरहमी से मारपीट की गई. यह बेहद शर्मनाक और दर्दनाक घटना है. उन्होंने अलीगढ़ पुलिस प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि दोषी छात्रों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर कार्रवाई नहीं होती है तो हजारों करणी सेना के कार्यकर्ता स्वयं कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे. साथ ही इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री स्तर पर कार्रवाई करूंगा.