गीता वीडियो एवम पंचांग
गीता अध्याय 02 (सांख्ययोग) श्लोक 64
आज का पंचांग
बुधवार १७/०५/२०२३
ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी , युगाब्ध - ५१२५
🌥️ 🚩विक्रम संवत-२०८०
⛅ 🚩तिथि - त्रयोदशी रात्रि 10:28 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
⛅दिनांक - 17 मई 2023
⛅दिन - बुधवार
⛅शक संवत् - 1945
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - ग्रीष्म
⛅मास - ज्येष्ठ
⛅पक्ष - कृष्ण
⛅नक्षत्र - रेवती सुबह 07:39 तक तत्पश्चात अश्विनी
⛅योग - आयुष्मान रात्रि 09:18 तक तत्पश्चात सौभाग्य
⛅राहु काल - दोपहर 12:36 से 02:16 तक
⛅सूर्योदय - 05:58
⛅सूर्यास्त - 07:14
⛅दिशा शूल - उत्तर दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:15 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:57 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
⛅विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌹 मासिक शिवरात्रि : 17 मई 2023🌹
🌹कर्ज मुक्ति हेतु -
🌹 हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी ।
🌹1) ॐ शिवाय नमः
🌹2) ॐ सर्वात्मने नमः
🌹3) ॐ त्रिनेत्राय नमः
🌹4) ॐ हराय नमः
🌹5) ॐ इन्द्रमुखाय नमः
🌹6) ॐ श्रीकंठाय नमः
🌹7) ॐ सद्योजाताय नमः
🌹8) ॐ वामदेवाय नमः
🌹9) ॐ अघोरहृदयाय नम:
🌹10) ॐ तत्पुरुषाय नमः
🌹11) ॐ ईशानाय नमः
🌹12) ॐ अनंतधर्माय नमः
🌹13) ॐ ज्ञानभूताय नमः
🌹14) ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः
🌹15) ॐ प्रधानाय नमः
🌹16) ॐ व्योमात्मने नमः
🌹17) ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:
🔹चेहरे की झुर्रियां व चमक बढ़ाने के लिए🔹
🔸चेहरे पर बुढ़ापे की झुर्रियां पड़ गयी हों तो कड़वे बादाम का तेल, सोने से पहले जरा चेहरे पर रगड़ दो तो बुढ़ापे की झुर्रियों में फायदा होता है ।
🔸सरसों के तेल में दही मिलाकर मलें तो भी चेहरे की झुर्रियां व चेहरे का सूखापन हट जायेगा ।
🔸आँख के नीचे झुर्रियां पड़ गयी हों तो दूध की ताजी मलाई वहां हलके-हलके मलने से झुर्रियां ठीक होने लगती हैं । अथवा शहद व नींबू का रस मलें ।
🔸नींबू का रस व ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर मलें तो चेहरे की चमक बढ़ेगी ।
🔹मेधावी व निरोगी संतान हेतु अनुभूत प्रयोग🔹
🔹गर्भवती महिला रोज श्रद्धापूर्वक गाय का पूजन कर उसकी कम-से-कम एक परिक्रमा करे, उसे अपने हाथ से रोटी तथा गुड़ खिलाये और सुबह-शाम गोदुग्ध का पान करे तो निश्चित ही आनेवाली संतान फुर्तीली, सशक्त, मेधावी एवं निरोगी होगी और प्रसव भी सहज ढंग से होगा ।
🔸प्रसव-पीड़ा कम होगी । उपरोक्त लाभों के लिए यह प्रयोग प्रतिदिन करना अनिवार्य है । प्रतिदिन सम्भव न हो तो जितने दिन सम्भव हो करे, तब भी लाभ होगा ।
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