चैत्र पूर्णिमा (इस बार ६ अप्रैल २०२३ ) को हनुमान जी के अवतरण दिवस के उपलक्ष में हनुमान जन्मोत्सव/प्रकटोत्सव का पावन त्योंहार मनाया जाता है , और कई जगहों पर शोभायात्राएं भी निकाली जाती हैं इसपर आगे चर्चा करते हैं , पहले तो सभी सनातनी बंधुओं को महाबली, वीर , महावीर , अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता , परम रामभक्त , पवन पुत्र , शिव के रुद्रावतार , बजरंग बलि श्री हनुमान जी के प्रकटोत्सव पर अग्रिम हार्दिक शुभकामनाएं. (निवेदन: सभी भक्तों से करबद्ध निवेदन है की इस लेख को पूरा पढ़ें और पढ़ने के बाद यदि उचित लगे तो इतना शेयर करें की हनुमा जन्मोत्सव के पहले सभी सनातनियों के पास पहुँच जाये)
दोस्तों हनुमान जी को कलयुग के देवता के रूप में जाना जाता है , बल के देवता के रूप में भी जाना जाता है , पहलवानी करने वाले हनुमान जी के ख़ास उपासक होते हैं , हनुमान जी सप्त/ अष्ट चिरंजीवियों में से भी एक हैं यानि वो धरती पर स शरीर विद्यमान हैं और हनुमान चालीसा के द्वारा उनकी स्तुति के महत्व से भी हम सभी भली भांति परिचित हैं.
आज हनुमान जन्मोत्सव के अवशर पर संतों के मार्गदर्श के अनुरूप हम आपको एक ऐसा अचूक उपाय बताएँगे जिससे समाज में उपस्थित सभी शैतानी शक्तियों का शर्वनाश हो सकता है.
समाज में व्याप्त सभी समस्याओं का मुख्य कारण सनातनियों का अपने धर्म से दूरी बना लेना है , सनातनी अपने धर्म को समझते नहीं उसे धारण नहीं करते , धर्मानुसार आचरण नहीं करते जिस कारण वो प्रपंचों में फंसते हैं , (प्रपंच चाहे धर्म को आधार बनाकर किये जाएँ या राजनीती के सहारे किये जाएं ) और यही कारन है की आज हिन्दू समाज की स्थिति बड़ी दयनीय है , उनका केवल यूज़ किया जाता है और फेंक दिया जाया है जैसे चाइना का पेन आता है "यूज़ एंड थ्रो".
यदि हिन्दू अपना आत्मसम्मान वापस पाना चाहते हैं, यदि हिन्दू एक स्वस्थ , सुरक्षित और सुखी जीवन चाहते हैं , यदि एक सुखी , स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य चाहते हैं तो उन्हें संतों के सुझाये मार्ग का अविलम्ब अनुशरण करना होगा, बाकि दुष्परिणाम तो वो भोग ही रहे हैं .
संतों ने साफ़ साफ़ शब्दों में कहा है की शैतानी शक्तियाँ एकजुट तो हैं ही उन्होंने "४०-४० की सेना "भी तैयार की हुयी है जो अवशर मिलते ही हिन्दुओं पर आक्रमण करते हैं और छुप जाते हैं फिर विक्टिम कार्ड खेलकर पूरे मामले को हवा में उदा देते हैं. इसका तजा उदहारण रामनवमी की शिभायात्राओं पर हमले से पुष्ट किये जा सकते हैं. आखिर कैसे इतनी बड़ी संख्या में आक्रमण हो जाता है ? कहाँ से पत्थर बम आदि बरसने लगते हैं और फिर सोशल मीडिया और मीडिया पर उल्टा उन्हीके समर्थन में ट्रेंड चलने लगते हैं.
ऐसे में हिन्दुओं को भी अपनी फुल प्रूफ सुरक्षा कवच को तैयार करना होगा और ध्यान रहे केवल अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा से भी आपका सुरक्षित होना संभव नहीं है .. इसलिए सभी सनातनियों को अपने अपने क्षेत्र को सुरक्षित करना होगा ..और इसका उपाय है सभी सनातनियों को एकजुट करना जो कितना कठिन कार्य है ये सभी भली भांति जानते हैं .. बस इसका संधान हनुमान जी माध्यम से करना है जो संतों ने सुझाया है
संतों का निर्देश है - सभी सनातनी अविलम्ब संकल्प लें और सप्ताह में कम से कम एक दिन प्रातःकाल या संध्याकाल निश्चित करे और अपने नजदीकी मंदिर में पहुँचकर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करें , मत सोचिये की हम अकेले ये कार्य करेंगे तो क्या होगा , बस संकल्प लेकर कार्य शुरू कीजिये खुद हनुमानजी आपके साथ होंगे और धीरे धीरे आप एक से १०, १० से १०० बनेंगे और आप अपने आप ही संगठित होंगे और चूंकि यहाँ आप हनुमानचालीसा के माध्यम से संगठित होंगे तो इस संगठन का कोई तोड़ नहीं होगा. (शुरुवात में आप अपने ख़ास मित्रों या अपने परिजनों के साथ ही इस कार्य को शुरू करें धीरे धीरे आस पास के सनातनी खुदही घरों से निकलकर आपसे जुड़ने लगेंगे)
हिन्दुओं को संगठित करने का जो सबसे कठिन कार्य है वो इस मुहीम से बिलकुल आसान और मजबूत बन जाएगा और हर क्षेत्र में हनुमान चालीसा मंडली तैयार होने लगेगी जो समय आने पर ४०-४० की सेना के छक्के छुड़ा देगी और इससे धर्म का प्रहार प्रशार होगा , सनातनी समाज मजबूत होगा , भूत पिशाच कमजोर पड़ेंगे , हमारा परिवार , हमारी हमारे बच्चे सब सुरक्षित होंगे और सबका भविष्य उज्जवल होगा.
और जब हिन्दू आपस में मिलेगा तो जरुरी मुद्दों पर भी चर्चा होगी, धर्म विरोधी कार्यों पर भी रोक लगेगी, छेत्र में कुछ गलत होगा तो उसपर भी चर्चा होगी और सब मिलकर उस गलत कार्य को रोक सकेंगे , हम संगठित होंगे तो प्रशासन , सरकार सब हमारी बात पर भी ध्यान देंगे और असामाजिक तत्वों पर उचित कार्यवाही करेंगे, जिससे उनका भय समाज से ख़त्म होगा , हिन्दुओं को कोई किसी प्रपंच में नहीं फंसा सकेगा और कोई फंसेगा तो भी बाकि साथियों के सहयोग से प्रपंच से बहार निकल जायेगा. नो कोई पाखंडी धर्म के नाम पर हिन्दुओं को फंसा सकेगा और नहीं कोई दुष्ट नेता राजनीती के प्रपंच में फंसा सकेगा.
यदि हम सभी ये कार्य कर सके तो हमारे छेत्र में हमारी खुदकी हनुमान चालीसा मण्डली होगी जो हमारा छेत्रिय संगठन भी होगा और हर मुशीबत से हम खुद हनुमान जी के आशीर्वाद से निपटने में सक्षम हो जायेंगे हमें किसी पर आश्रित नहीं होना होगा और जैसे अब हम संगठन , नेता , प्रशासन आदि पर ठीकरा फोड़ते है वो करने की आवस्य्क्ता नहीं पड़ेगी.
सभी सनातनियों से निवेदन हैं की इस हनुमान प्रकटोत्सव पर ही हनुमान जी के सामने बैठकर उन्हें साक्षी मानकर संकल्प लें और शुरुवात करें ... हनुमान जी खुद आपके इस संकल्प को पूर्ण करने मैं सहयोग करेंगे.
हनुमान जी तो वो हैं जिन्होंने रामजीके बिगड़े काम भी बनाये हैं फिर हमारे काम का तो कहना ही क्या , हनुमान जी उन शंकर जी के रुद्रावतार हैं जो भोले भंडारी हैं इसलिए वो भी वैसे ही भोले भंडारी है जिसकी थोड़ीसे भक्ति करके ही भक्त सबकुछ पा लेता हैं,बस जरुरत है तो संकल्पित होकर शुद्ध मन से समर्पण भाव के साथ थोडीसी भक्ति करने की ...
तो आइये संकल्प लेते हैं और भारत को ही नहीं पूरे विश्व को आतंकमुक्त करने की महामहिम शुरू करते हैं
बोल सियावर राम चंद्र की जय
पवनसुत हनुमान की जय
बोल भाई सब संतान की जय
अपने अपने मात पिता की जय
धर्म की जय हो
अधर्म का नाश हो
प्राणियों में सद्भावना हो
विश्व का कल्याण हो
भारत हिन्दू राष्ट्र हो
हर हर महादेव........