पूरे देश में लगातार हिन्दुओं और हिन्दू आस्था पर हमले हो रहे हैं और प्रशासन इन हमलों को रोकने में असमर्थ नजर आ रहा है. रामनवमी के समय का हुवा ये पूरे देश ने देखा , कैसी हिन्दुओं और हिन्दू रैलियों पर हमले हुए. प्रशासन यदि कुछ कर पाया तो हिन्दुओं को त्योंहार मानाने से रोकने का प्रयास.
मध्य प्रदेश के दमोह में बजरंग बली की प्रतिमा खंडित किए जाने का मामला सामने आया है। इस घटना के बाद ग्रामीणों में नाराजगी और तनाव फ़ैल गया है। स्थानीय निवासियों ने इस हरकत को धार्मिक भावनाएँ भड़काने की साजिश करार दिया है। मामले की शिकायत पुलिस में की गई है। पुलिस ने जाँच शुरू कर दी है। घटना शनिवार (8 अप्रैल, 2023) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला दमोह के पटेरा थाना क्षेत्र का है। यहाँ पिपरिया साहनी गाँव के रहने वाले संजय पालीवाल के खेत में एक सार्वजनिक मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर आसपास के लोगों की आस्था का केंद्र बताया जाता है। इस मंदिर में अन्य देवताओं के साथ बजरंग बली की भी मूर्ति स्थापित है। ग्रामीण रोज सुबह यहाँ पूजा-अर्चना किया करते हैं। घटना के दिन शनिवार की सुबह जब उसी गाँव के राज किशोर राजपूत मंदिर में पूजा करने गए तब उन्हें हनुमान मूर्ति टूटी हालत में मिली।
झारखंड के जमशेदपुर में साम्प्रदायिक तनाव की खबर है। यहाँ एक धार्मिक झंडे पर माँस का टुकड़ा बाँध देने एक बाद दो पक्ष आमने-सामने आ गए। हिंदू संगठनों ने झंडे को अशुद्ध करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया और आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की। हिन्दू संगठनों के विरोध-प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही दूसरे पक्ष के लोग भी एकजुट होने लगे। हालाँकि पुलिस ने बीच में पड़ कर मामले को शांत करवाया। घटना शनिवार (8 अप्रैल 2023) की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ममला जमशेदपुर के कदमा शास्त्रीनगर का है। यहाँ ब्लॉक 3 के चौक के पास कुछ धार्मिक झंडे लगे हुए थे। आरोप है कि उन झंडों पर किसी असामाजिक तत्व ने माँस की थैली लटका दी थी। स्थानीय लोगों के माध्यम से इस बात की जानकारी हिन्दू संगठनों को हुई। मौके पर पहुँचे हिन्दू संगठनों ने आरोपितों पर कार्रवाई की माँग करते हुए धरना देना शुरू कर दिया। इस दौरान नारेबाजी हुई जिसके बाद दूसरे पक्ष के लोग भी एकजुट होने लगे।
हिन्दुओं को विचार करना होगा की आखिर ये सब क्या हो रहा है और ये सब रुकेगा कैसे? जब देश की कानून व्यस्था हिन्दुओं की और हिन्दू आस्था की सुरक्षा में असमर्थ है तो कौन रक्षा करेगा ...विचार तो करना ही पड़ेगा