#शुभ_रात्रि
कई बार हम इस चीज का आकलन नहीं कर पाते कि कौन सा कार्य करने में हमें कितना समय लगेगा और इसके गलत निर्धारण से भी हमारे अन्य कार्य प्रभावित होते हैं।कभी-कभी हम अपनी क्षमता से ज्यादा कार्यों को करने के लिए राजी हो जाते हैं।
तैयार हो जाते हैं। लेकिन उन कार्यों को करने के लिए पर्याप्त समय नहीं निकाल पाते हैं। इसलिए वह कार्य अधूरे रह जाते हैं। इसलिए सबसे पहले हमें यह देखना चाहिए, कि हमारे कार्य करने की गति कैसी है,यदि हमारे कार्य करने की गति धीमी है तो उसके अनुरूप कार्यों को करने की योजना बनानी चाहिए और यदि तेज है तो उसके अनुरूप कार्य की योजना बनाकर कार्य को करना चाहिए।
समय का सदुपयोग करना कोई मुश्किल कार्य नहीं है यह आसान है। बस इसका सही अभ्यास करने की आवश्यकता है।अभ्यास के साथ-साथ अपने आप का निरीक्षण करना वह अपने आप का आकलन करना भी आवश्यक होता है। बेहतर यही है किस समय का सदुपयोग करने के लिए समय को प्रबंधित करें।
समय प्रबंधन करने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करें और उनको अपनाएं। हमारे पास जो भी करने के लिए कार्य हैं, विकी पहले रूपरेखा बना लेना उत्तम है।यदि कार्य की शुरुआत सुबह से करनी है तो रात में ही इसकी पूरी योजना बना लेनी चाहिए। और सुबह से कार्य को करने के लिए इस पर अमल करना चाहिए।इससे समय की बचत भी होगी और कार्य करने में हड़बड़ी भी नहीं होगी।
कार्य करने में या देखना जरूरी है कि हम कार्य करने के तरीके से परिचित हैं या नहीं हैं। जो कार्य हमने कभी नहीं किया उसे सीखने व करने में अधिक समय लगता है और जो कार्य हम करने के अभ्यस्त हैं। उन्हें पूरा करने में समय कम लगता है।इसलिए कार्यो की रूपरेखा बनाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि पहली बार किए जाने वाले कार्यों को अधिक समय दिया जाए और अभ्यास में आने वाले कार्यों को पर्याप्त समय दिया जाए, जिससे वह अच्छी तरह पूर्ण हो सके।
समय प्रबंधन एक कला है और इसमें निपुणता पाने के लिए इसका सतत अभ्यास जरूरी है। समय के सदुपयोग के माध्यम से ही हम अपने जीवन में उपलब्धियां हासिल कर पाते हैं। इसकी अवहेलना करके इसको नकार करके हम अपने प्राप्त ज्ञान को भी भुला देते हैं। इसलिए अपने समय का सदुपयोग करें और समय के अनुरूप चलने का प्रयास करें जिससे जीवन सफलता की ओर अग्रसर होता रहे।
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