करोड़ों की संपत्ति लुट गयी। बेटा अपने पापकर्मों के कारण मारा गया। बीवी छिपती फिर रही है। ना आखिरी बार बेटे को छाती से लगा सकी ना शौहर की लाश पर सर पटक सकेगी। घर परिवार सब उजड़ गया। गाड़ी घोड़ा बंगला जमीन जायदाद सब कुर्क हो गयी। अंततः तुम खुद भाई समेत कुत्ते की मौत मरे। क्या मिला दूसरों का हक मारकर,इतनी दौलत इकट्ठा करके अतीक?
इतने सालों से, इतने लोगों की,आहें, विलाप,श्राप इकट्ठे कर रहे थे। आज उन असहायों की हाय तुम्हें, तुम्हारे पूरे पाप के साम्राज्य को खा गयी। तुम सोचते थे हमारा यार तो खुद प्रदेश का मुख्यमंत्री है। हमारा कौन साला कुछ उखाड़ सकता है।
आज मरे भी तो हाथ में हथकडियां पड़ी हैं। आज ही बेटा सुपुर्द ए खाक हुआ है। चौबीसों घंटे एसी में रहनेवाले,बड़े बड़ों से तलवे चटवाने वाले तुम,भीषण गर्मी में बँधे हाथों के साथ पसीने से लथपथ भटकते फिर रहे थे जब बहुत नजदीक से तुम्हारी पगड़ी उछालते हुए वह सर उड़ा दिया गया जिसके सामने एक दिन अच्छे-2 खौफ के मारे सर झुकाते थे। दुनिया तमाशा देख रही है तुम्हारी बेगैरत रुख्सती का।
कौन जाने कोई बड़ा राज फाश होने के डर से तुम्हारे ही साथियों ने तुम्हें मरवा दिया या तुम्हारे ही सताए हुए किस