सब कुछ हो जाने के बाद , यात्राएं बाधित होने, हिंदुओं के घायल होने के बाद पुलिस की तरफ से एक स्टेटमेंट आता है की स्थिति अब काबू में हैं... आखिर क्या अर्थ है इस शांति का जब हिंदुओं की आस्था पर आघात हो चुका हो, जब हिंदुओं पर पत्थर, बम सब चल चुके हों, हिंदू घायल होकर अस्पतालों में पड़े हों।
यह प्रशासन केवल उन हिंदुओं को रोक पाता है जो सम्मान करते हैं कानून का और संविधान का लेकिन यह प्रशासन उन जिहादी कट्टरपंथी तत्वों को रोकने में सदा ही असमर्थ रहता है जो इनके ऊपर भी पत्थर फेंकते है, लेकिन विडंबना देखिए कि इतना सब होने के बाद भी यह प्रशासन केवल हिंदुओं को ही प्रताड़ित करता है और जिनसे पिटते हैं उनकी जी हुजूरी करते हैं।
अब हिंदुओं को आत्मरक्षा के लिए सज्ज रहने की बात कही जाएगी तो वह प्रशासन के अनुसार विवादित बयान बाजी हो जाएगी। लेकिन लोगों को खुद सोचना होगा कि जो पुलिस प्रशासन केवल हिंदुओं पर पाबंदी लगा सकता है लेकिन इन जिहादियों को रोकने में असमर्थ है आखिर उनके भरोसे हिंदू कैसे रह सकते हैं आखिर क्यों हिंदुओं को अपनी यात्राओं, रैलियों और खुद की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम खुद नहीं करने चाहिए?
बड़े दुख की बात है की इतना सब होने के बाद भी, हिंदुओं की ऐसी स्थिति पर कोई मानवतावादी तो छोड़ो स्वत संज्ञान लेने वाले हमारे माननीय भी कुछ नहीं बोलते, उन्हें हिंदुओं की ऐसी स्थिति पर कोई दुःख नहीं होता।
क्या है जमशेदपुर, झारखंड का मामला
अब झारखंड के जमशेदपुर में रामनवमी के त्योहार के दौरान पत्थरबाजी की खबरें सामने आई हैं। पश्चिम बंगाल और बिहार में भी इस तरह के मामले देखने को मिले थे। ताज़ा घटना शुक्रवार (31 मार्च, 2023) की है। हल्दीपोखर इलाके में रामनवमी की शोभा यात्रा पर पत्थरबाजी की गई। हालाँकि, पुलिस कह रही है कि अब स्थिति शांतिपूर्ण है। जुगसलाई क्षेत्र में लोगों ने रामनवमी की शोभा यात्रा निकाले जाने का विरोध किया, जिसके बाद तनाव उत्पन्न हो गया।
पत्थरबाजी के बाद तनाव और ज्यादा बढ़ गया। शोभा यात्रा रोके जाने से हिन्दू भी आक्रोशित हो गए और उन्होंने स्थानीय बाटा चौक पर बैठ कर हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। साथ ही रेलवे फाटक के ऊपर स्थित रेलवे ब्रिज को भी जाम कर दिया गया। इसके बाद दोनों पक्षों की तरफ से नारेबाजी की जाने लगी। गुस्साए लोगों ने सड़क पर टायर जला कर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही पुलिस की गाड़ी में भी तोड़फोड़ की गई।
जमशेदपुर के डीएम और एसपी सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर पहुँच कर स्थिति को नियंत्रित करना पड़ा। बताया जा रहा है कि पत्थरबाजी करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग थे। रंकिणी मंदिर से 50 कदम दूर हुए पथराव में हल्दीपोखर पूर्वी की मुखिया देवी कुमारी भूमिज, सीओ इम्तियाज अहमद, पूर्व मुखिया सैय्यद जबीउल्लाह, सैप के हवलदार नंदलाल हाजरा, पुलिस जवान संदेश राम घायल हो गए हैं। अस्पताल में इन सबका इलाज चल रहा है।
ये घटना विसर्जन के दौरान हुई है। बाद में पुलिस की मौजूदगी में झंडे का विसर्जन किया गया। विसर्जन जुलूस में ट्रेलर और डीजे को पुलिस ने बैन कर दिया था, इस कारण हिन्दुओं ने शाम तक विसर्जन जुलूस नहीं निकाला। पुलिस ने एक ट्रेलर जब्त भी कर लिया। विजय बजरंग अखाड़ा हल्दीपोखर संगठन के बैनर तले हनुमान मंदिर से यात्रा निकाली गई थी। रंकिणी मंदिर के पास मुस्लिम भीड़ आ धमकी और पत्थर फेंकने लगी।