भूल तो नहीं गए पालघर के उस नृशंस हत्याकांड को, जब संतों को पुलिस के सामने या ये कहें पुलिस की देखरेख में निर्ममता से पीट पीट कर मौत के घाट उतार दिया गया, लगभग 3 वर्ष पूरे हो गए लेकिन अब तक उन संतों की आत्मा न्याय की प्रतीक्षा कर रही है। और अब 3 वर्ष बाद ये मामला CBI के पास गया है।
"देर आए दुरुस्त आए" भले ही 3 वर्षों का लंबा समय लग गया लेकिन अब ये मामला CBI के पास आया है और लोगों को विश्वास है की अब संतों को न्याय जरूर मिलेगा।
महाराष्ट्र में "महा विकास आघाडी" गठबंधन की सरकार में यह कुकृत्य हुआ और दुर्भाग्यपूर्ण है की उस सरकार में इन साधुओं को न्याय दिलाने का प्रयास भी नहीं किया गया अपितु सीबीआई जांच के लिए भी मना कर दिया गया, मानों अपराधियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा हो।
साधुओं की पिटाई का वह दर्दनाक वीडियो पूरी दुनिया ने देखा लेकिन उसके बावजूद अपराधियों को सजा नहीं हुई इससे साफ पता चलता है कि उस समय की सरकार और पुलिस प्रशासन ने अपराधियों को बचाया और उनके हाथ भी इन साधुओं के खून से रंगे थे।
साधुवाद हैं उन सभी मीडिया वालों, सोशल मीडिया वालों, को जिन्होंने न्याय के लिए आवाज लगातार उठाई और मामले को दबने नहीं दिया, और साधुवाद है वर्तमान सरकार का जिसने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की जांच को CBI को सौंपने का हलफनामा दिया, और अंत में साधुवाद है सुप्रीम कोर्ट का जिसने CBI जांच की स्वीकृति दी।
निवेदन : सभी भक्तों को दुगाष्टमी और राम नवमी हार्दिक शुभकामनाएं तथा निवेदन है की रामनवमी के दिन संध्याकाल में रामनवमी के शुभअवसर पर 5 दीप अवश्य प्रज्वलित करें और "1 दीप इन संतों को न्याय मिले इस इच्छा से भी प्रभु श्री राम को समर्पित करें।"
जय जय श्री राम
जय सत्य सनातन
जय हिंदू राष्ट्र भारत