Up में कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे पर जेहादियों द्वारा क्या प्रतीक दी गई एक सबने देखा। हथियार पत्थर सब निकले जेहादियों के घरोंसे अनेकों पुलिस वालों को घायल कर दिया गया, लेकिन ये कोई साधारण हमला नहीं था और न ही कोई अंतिम वारदात है। अब पुलिस को मुजफ्फर नगर में छतों पर ईंट, पत्थर प्राप्त हुए हैं और इनका क्या प्रयोग होता है ये बताने की जरूरत नहीं
एक राष्ट्रवादी के नाते हमारा यह प्रश्न है कि आखिर क्यों हादसों के बाद ही प्रशासन सतर्क होता है क्या प्रशासन को इस घटिया जहदी मानसिकता की सच्चाई के बारे में जानकारी नहीं? आखिर क्यों जेहादी घटनाओं के बाद चेकिंग और अवैध अतिक्रमणों पर कार्यवाही की जाती है? प्रशासन को चाहिए कैसी घटनाएं हो उससे पहले ही सतर्कता बरसते हुए कुछ कार्यवाही की जाए।
संभल में 24 नवंबर 2024 को मुस्लिम भीड़ की हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस अलर्ट पर है। कई जिलों में प्रशासन ने एहतियात बरतने शुरू कर दिए हैं। अमेठी और मुज़फ्फरनगर जिलों में छतों की ड्रोन से निगरानी करवाई गई है।
इस दौरान मुज़फ्फरनगर में कई छतों पर ईंट-पत्थर नजर आए। अमेठी में प्रशासन ने आगाह किया है कि अगर छतों पर अनावश्यक चीज पाई गई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मिश्रित इलाकों में फ्लैग मार्च कर लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुज़फ्फरनगर जिले में पुलिस ने ड्रोन से मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में छतों की निगरानी करवाई। इसी दौरान 7 घरों की छतों पर ईंट-पत्थर नजर आए। प्रशासन ने तत्काल इसे हटवा दिया। ख़ुफ़िया विभाग को भी जरूरी निर्देश दिए गए हैं। वह भी मिश्रित इलाकों में बने कुछ घरों की निगरानी में जुट गया है। इस दौरान भीड़-भाड़ वाले इलाकों में पुलिस टीम की गश्त बढ़ा दी गई है।
पुलिस बल खालापार और न्याजपुरा जैसे मुस्लिम बहुल इलाके पर भी नजर बनाए हुए है। पुलिस ने मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की है। इस दौरान जिले में अमन चैन बनाए रखने पर जोर दिया गया।
वहीं अमेठी जिले में भी पुलिस बल ने संवेदनशील इलाकों में गश्त की है। इन्हौना और जायस जैसे मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में गश्त कर के पुलिस ने मकान मालिकों से छतों पर कोई भी ईंट-पत्थर न रखने की सख्त हिदायत दी है। अमेठी में भी ड्रोन से छतों की निगरानी करवाई जा रही है। प्रशासन की तरफ से यह भी साफ किया गया है कि चेतावनी के बावजूद जो निर्देशों को नहीं मानेगा उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ सोशल मीडिया पर भी पुलिस की पैनी नजर है।
बताते चलें कि 24 नवंबर को संभल जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए टीम पहुँची तो मुस्लिम भीड़ ने ईंट-पत्थरों से पुलिस पर हमले किए। इस दौरान हिंसा प्रभावित इलाके की सड़के पत्थर से पट गई थी। करीब 4 ट्रॉली पत्थर प्रशासन ने उठवाए थे। पत्थरबाजी की चपेट में आ कर कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिसमें से एक कांस्टबेल की हालत गंभीर है।